पटना
बिहार सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 400 से बढ़ाकर प्रतिमाह 1100 रुपये कर दिया है। राजद नेता तेजस्वी यादव इसे टेंशन की परिणाम बता रहे।
शनिवार को प्रेस-वार्ता कर उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार आ रही है, इसी टेंशन में एनडीए सरकार ने पेंशन की राशि बढ़ाई है।
राजद ने पिछले वर्ष 16 दिसंबर को ही वादा किया था कि सत्ता मिलने पर वृद्धों, विधवाओं और दिव्यांगों को प्रतिमाह 1500 रुपये की पेंशन दी जाएगी। सरकार हमारी नकल कर रही।
उसके पास न तो सोच है, न विजन। तेजस्वी आगे-आगे हैं, और राज्य सरकार पीछे-पीछे।तेजस्वी ने कहा कि 20 वर्षों तक नीतीश सरकार ने देश में सबसे कम सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी।
हमने पहले ही मांग की थी कि हमारी घोषणाओं को बजट-प्रस्ताव में सम्मिलित किया जाए, लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया, क्योंकि उसे डर था कि श्रेय तेजस्वी को जाएगा।
अब बिना बजटीय प्रविधान के सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वृद्धि की घोषणा हुई है। बिना बजट के एक करोड़ नौ लाख 69 हजार 255 लोगों को यह पेंशन कैसे दी जाएगी।
इसके लिए प्रतिमाह लगभग 767 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च करना होगा। अब हम सरकार को घेरेंगे और जन-हित में और योजनाओं पर अमल के लिए विवश करेंगे।
एक कार्यक्रम पर खर्च होते हैं सरकारी खजाने से लगभग सौ करोड़ रुपये
तेजस्वी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक कार्यक्रम पर सरकारी खजाने से लगभग सौ करोड़ रुपये खर्च होते हैं। पिछले पांच चुनावों में मोदी की बिहार में 200 से अधिक रैलियां और जनसभाएं हुई हैं।
उन आयोजनों पर लगभग 20 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए। जनता की गाढ़ी कमाई लुटाई जा रही और बिहार बाढ़ में डूबे रहता है। इससे निजात के लिए सरकार राशि क्यों नहीं खर्च कर रही।
पटना भी डूब जाता है, लेकिन ड्रेनेज सिस्टम ठीक नहीं किया जा रहा। अमित शाह कहते हैं कि बाढ़ नियंत्रण का काम होगा, तो पहले क्या वे बाढ़ के लिए निमंत्रण दे रहे थे। शाह कह चुके हैं कि चुनाव तक ही नीतीश कुमार हैं।