पटना
जल संसाधन विभाग के कुछ अभियंताओंं की लापरवाही से दक्षिण बिहार में नदियों पर बने तटबंध कई जगह टूट गए हैं। बहरहाल उनकी मरम्मत हो रही।
इसी बीच कर्तव्यों में लापरवाही बरतने वाले एक कार्यपालक अभियंता और छह कनीय अभियंताओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई प्रारंभ हो गई है।
शनिवार को विभागीय मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उच्च अधिकारियों की भूमिका की समीक्षा हो रही है और उनके विरुद्ध भी उचित कार्रवाई होगी।
बहरहाल प्रभावित स्थलों पर दो अतिरिक्त कार्यपालक अभियंता एवं दो सहायक अभियंताओं की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है, ताकि मरम्मत कार्य में गति लाई जा सके।लगभग दर्जन भर जगह पर तटबंध टूटे हैं।
हालांकि, विभाग इनकी संख्या आधा दर्जन के करीब बता रहा। चौधरी ने दावा किया कि पूरी मुस्तैदी और गंभीरता से क्षतिग्रस्त तटबंधों की मरम्मत की पहल हो रही। वरीय अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों का नियमित निरीक्षण कर रहे।
विभाग लापरवाही के मामलों में शून्य सहनशीलता की नीति अपना रहा है। जिला प्रशासन से समन्वय बनाकर विभागीय अधिकारी स्थल निरीक्षण कर रहे और संवेदनशील क्षेत्रों को संरक्षित किया जा रहा है।
प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने बताया कि 18 जून से झारखंड में निरंतर वर्षा हो रही। वहां से बहकर आने वाली निरंजना, मुहाने, उत्तर कोयल, सकरी, पंचाने आदि नदियों में अत्यधिक जलस्राव दर्ज किया गया है।
19 जून की रात नौ बजे जहानाबाद में उदेरास्थान बराज से 73067 क्यूसेक जलस्राव हुआ। यह पिछले वर्ष के अधिकतम जलस्राव (68268 क्यूसेक) से 4439 क्यूसेक अधिक है। बंधुगंज काजवे गेज स्टेशन पर 62.15 मी० का नया उच्चतम जलस्तर दर्ज किया गया।
इस कारण 19 जून को आधी रात नालंदा जिलान्तर्गत एकंगरसराय प्रखंड में लोकाइन नदी के दाएं किनारे पर अवस्थित जमींदारी बांध केशोपुर गांव के पास क्षतिग्रस्त हो गया। नालंदा के साथ जहानाबाद और पटना जिला में लोकाईन, भूतही, धोवा और महत्माइन नदी पर अवस्थित बांध के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हुए हैं।