महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर विवाद के बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) चीफ राज ठाकरे ने मंगलवार को X पर पोस्ट किया। उन्होंने पार्टी सदस्यों को पूरे विवाद पर चुप्पी साधने का निर्देश दिया।
राज ठाकरे ने पोस्ट में लिखा कि, यह एक स्पष्ट आदेश है। पार्टी के किसी भी सदस्य को न तो अखबारों, न्यूज चैनलों या किसी भी डिजिटल मीडिया से कोई बात नहीं करनी है। न ही अपनी प्रतिक्रिया वाले वीडियो सोशल मीडिया पर डालने हैं। ऐसा करना पूरी तरह से मना है।
और जिन्हें मीडिया से बातचीत की आधिकारिक जिम्मेदारी दी गई है, वे भी मेरी अनुमति लिए बिना, मुझसे पूछे बिना किसी भी प्रकार के मीडिया से बात नहीं करेंगे और सोशल मीडिया पर भी कुछ व्यक्त नहीं करेंगे।
मराठी को लेकर विवाद के बीच ठाणे के भायंदर में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने मंगलवार को प्रदर्शन किया था। इस बीच महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और स्थानीय विधायक प्रताप बाबूराव सरनाईक वहां पहुंचे, इससे MNS कार्यकर्ता भड़के और उनका विरोध किया।
इससे पहले मंगलवार सुबह पुलिस ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के ठाणे-पालघर प्रमुख अविनाश जाधव समेत कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है। जाधव के नेतृत्व में ये कार्यकर्ता ठाणे के भायंदर में व्यापारियों के विरोध प्रदर्शन के जवाब में एक रैली करने जा रहे थे। पुलिस ने इस रैली की परमिशन नहीं दी थी।
भायंदर में ही 1 जुलाई को एक गुजराती दुकानदार को मराठी में बात न करने पर MNS कार्यकर्ताओं ने मारपीट की थी। इसके विरोध में व्यापारियों ने कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था।
मुंबई के मीरा रोड इलाके का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें MNS कार्यकर्ताओं की गुजराती दुकानदार से मराठी न बोलने पर बहस हुई थी। कार्यकर्ता ने उससे कहा था कि तुमने मुझसे पूछा कि मराठी क्यों बोलनी चाहिए? जब तुम्हें परेशानी थी, तब तुम MNS ऑफिस आए थे।’
दुकानदार ने जवाब में कहा था कि उसे नहीं पता था कि मराठी बोलना अब जरूरी हो गया है। इस पर एक कार्यकर्ता गाली देते हुए दुकानदार को धमकाता है कि उसे इस इलाके में कारोबार नहीं करने दिया जाएगा। बहस के दौरान दुकानदार से मारपीट की गई थी।
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने ‘मराठी एकता’ पर शनिवार यानी 5 जुलाई को मुंबई के वर्ली सभागार में ‘मराठी विजय रैली’ की थी।
राज ठाकरे ने कहा था, ‘चाहे गुजराती हो या कोई और, उसे मराठी आनी चाहिए, लेकिन अगर कोई मराठी नहीं बोलता तो उसे पीटने की जरूरत नहीं है, लेकिन अगर कोई बेकार का ड्रामा करता है तो आपको उसके कान के नीचे मारना चाहिए। अगर आप किसी को पीटते हैं, तो घटना का वीडियो न बनाएं
महाराष्ट्र में अप्रैल में 1 से 5वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए तीसरी भाषा के तौर पर हिंदी अनिवार्य की गई थी। ये फैसला राज्य के सभी मराठी और अंग्रेजी मीडियम स्कूलों पर लागू किया गया था।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के नए करिकुलम को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र में इन क्लासेज के लिए तीन भाषा की पॉलिसी लागू की गई थी।
विवाद बढ़ने के बाद अपडेटेड गाइडलाइंस जारी की गई। मराठी और अंग्रेजी मीडियम में कक्षा 1 से 5वीं तक पढ़ने वाले स्टूडेंट्स तीसरी भाषा के तौर पर हिंदी के अलावा भी दूसरी भारतीय भाषाएं चुन सकते हैं।
इसके लिए शर्त बस यह होगी कि एक क्लास के कम से कम 20 स्टूडेंट्स हिंदी से इतर दूसरी भाषा को चुनें। ऐसी स्थिति में स्कूल में दूसरी भाषा की टीचर भी अपॉइंट कराई जाएगी। अगर दूसरी भाषा चुनने वाले स्टूडेंट्स का नंबर 20 से कम है तो वह भाषा ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई जाएगी।