वैश्विक अनिश्चितताओं और अमेरिकी टैरिफ के बीच भारत के लिए गुड न्यूज आई है। ब्रिटेन की अकाउंटिंग फर्म ईवाई (EY) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले वर्षों में भारत क्रय शक्ति समता (PPP) के आधार पर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की जीडीपी पीपीपी के आधार पर वित्त वर्ष 2024-25 में 14.2 लाख करोड़ डॉलर रही, जो बाजार विनिमय दरों पर आंकी गई अर्थव्यवस्था से लगभग 3.6 गुना अधिक है। यदि भारत 6.5% और अमेरिका 2.1% की औसत वृद्धि दर बनाए रखते हैं, तो 2038 तक भारत की जीडीपी 34.2 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगी। इस दौरान 2028 तक भारत बाजार विनिमय दरों पर जर्मनी को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बन सकता है।
ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डी.के. श्रीवास्तव के मुताबिक, “युवा एवं कुशल कार्यबल, मजबूत बचत एवं निवेश दर और टिकाऊ ऋण प्रोफाइल जैसी मजबूती, भारत को वैश्विक अस्थिरता के बावजूद ऊंची वृद्धि दर बनाए रखने में मदद करेगी।”
अमेरिकी टैरिफ का असर
हालांकि रिपोर्ट में चेतावनी भी दी गई है कि अमेरिका द्वारा 50% आयात शुल्क लगाए जाने से भारत की जीडीपी पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। अनुमान है कि इससे जीडीपी को 0.9% तक का झटका लग सकता है, हालांकि उचित नीतिगत उपायों से इसे घटाकर 0.1% तक सीमित किया जा सकता है। टैरिफ का असर मुख्य रूप से वस्त्र, रत्न-आभूषण, झींगा, चमड़ा, जूते-चप्पल और मशीनरी जैसे 48 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के निर्यात उत्पादों पर पड़ेगा, जबकि दवाइयाँ, ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं इसके दायरे से बाहर रहेंगी।