पटना
कच्ची दरगाह से राघोपुर पुल जाने के लिए कुछ महीने तक पीपा पुल ही साधन के रूप में था। बरसात में वह भी नहीं। बड़ी आबादी नाव में लदकर अपनी रोजी के लिए कच्ची दरगाह पहुंचती थी। अब यह संकट खत्म हो गया।
कच्ची दरगाग से राघोपुर के बीच छह लेन का पुल उपलब्ध हो गया। अब इस पर भरेंगे लोग फर्राटा। छह लेन का यह पुल एक्स्ट्रा डोज केबल तकनीक से बना है। पटना रिंग रोड से भी इस पुल को संपर्कता मिल रही।
स्थानीय लाेगों को मिलेगा बड़ा लाभ
इस छह लेन पुल पर परिचालन आरंभ हो जाने से स्थानीय लोगों को बड़ा लाभ मिलेगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, व रोजगार के क्षेत्र में यह पुल सहायक साबित होगा। आपातकालीन स्थिति में भी लोगों को मदद मिलेगी।
इस तरह बनाए गए हैं रैंप
कच्ची दरगाह से राघोपुर के बीच बने पुल का जंक्शन एक पटना का कच्ची दरगाह है। इसके तहत तीन रैंप बने हैं। पटना अप रैंप दो लेन का, पटना डाउन रैंप दो लेन का तथा बख्तियापुर रैंप दो लेन का है।
पुल का सपना पूरा होने में लग गए एक दशक
इस पुल का सपना पूरा हाेने में एक दशक लग गए। इस पुल का शिलान्यास 23 अगस्त 2015 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया गया था। वहीं, पुल का निर्माण कार्य 31 जनवरी 2016 को मुख्यमंत्री ने राघोपुर के अंचल में स्थित मोहनपुर गांव में किया था।
पुल कुछ इस तरह के एलायनमेंट पर
यह पुल पटना जिले में कच्ची दरगाह के सामने पटना-बख्तियारपुर फोर लेन (एनएच-31) से आरंभ हाेकर दीदारगंज-बख्तियारपर पथ (एसएच-106) में सबलपुर होते हुए गंगा नदी के दक्षिणी चैनल राघोपुर दियारा पहुंचेगा और उत्तरी चैनल पार कर वैशाली के मथुरापुर, मजलिसपुर, चकसैदअली दरबा, मथुरा सुल्तानपुर, पचकटिया, दिलावरपुर, गोवर्धन ग्राम एवं हाजीपुर-बछवाड़ी पथ (एनएच-122 बी) हाेते हुुए कल्याणपुर, तेलिया एवं सरमस्तपुर गांव को पार कर वैशाली जिले के हाजीपुर-मुसरीघरारी (एनए-322) में चकसिकंदर के पास समाप्त हो जाएगा।
पटना रिंग रोड व आमस-दरभंगा पथ से भी जुड़ रहा
यह पुल पटना रिंग रोड प्राेजेक्ट से भी जुड़ रहा। इसके अतिरिक्त निर्माणाधीन आमस-दरभंगा एक्सप्रेस वे की भी इसे संपर्कता है।