बहादुरगढ़
थाना क्षेत्र के करीमपुर गांव में दो मई को पुलिस एवं एक परिवार के बीच विवाद में अब नया मोड़ आ गया है। पुलिस द्वारा गर्भवती महिला के साथ की गई मारपीट के बाद गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती महिला को अब गर्भपात हो गया है।
इस मामले में पीड़ित ने मुख्यमंत्री सहित अन्य अधिकारियों को पत्र भेजकर आरोपित पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र के करीमपुर गांव में रहने वाले सौरभ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य अधिकारियों को पत्र भेजकर बहादुरगढ़ थानाध्यक्ष एवं दारोगा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
पीड़ित ने बताया कि मकान के बराबर में एक खाली प्लॉट को लेकर उसका रिश्ते की चाची से विवाद चल रहा है। इस मामले में 16 जनवरी को चाची के बेटे अमन ने बहादुरगढ़ थाने में एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें डबलेश एवं उसके परिवार के तीन अन्य सदस्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी।
पीड़ित सौरभ ने बताया कि वह नोएडा में परिवार के साथ रहता है। वह दो मई की दोपहर को अपने घर करीमपुर आया था।आरोप है कि सौरभ की पत्नी नेहा अपने किसी कार्य से बड़े भाई डबलेश के घर गई थी कि इस बीच अचानक दो मई को बहादुरगढ़ थानाध्यक्ष महेंद्र सिंह, दारोगा धनवीर सिंह यादव एवं तीन अन्य पुलिसकर्मी डबलेश के घर पहुंच गए।
वहां उन्होंने प्लाट के कागज मांगते हुए गाली गलौज शुरू कर दी। आरोप है कि बुजुर्ग पिता जयप्रकाश एवं सौरभ ने गाली देने से इंकार किया तो पुलिस ने उनके साथ हाथापाई शुरू कर दी।
इस बीच ससुर एवं पति के साथ हो रही हाथापाई को देख नेहा बीच बचाव करने आई तो थानाध्यक्ष एवं दारोगा ने उसको जमीन पर धक्का देकर गिरा दिया तथा उसके पेट पर लात मारनी शुरू कर दी। इसके कारण महिला की तबियत खराब हो गई।
पुलिस सौरभ के पिता को पकड़कर थाने ले गई। इस दौरान सौरभ की पत्नी की तबियत खराब हुई तो वह उसको नोएडा के एक अस्पताल में ले गए, जहां करीब एक माह के उपचार के बाद उसको गर्भपात हो गया है। इस घटना से नाराज स्वजन ने मुख्यमंत्री एवं अधिकारियों को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है।
फैसला बनाने का था दबाव
सौरभ ने आरोप लगाया है कि उसके भाई डबलेश ने पुलिस की ज्यादती से परेशान होकर दारोगा के खिलाफ 22 जनवरी को कोर्ट में एक वाद दायर किया हुआ है। इस मामले में पुलिस दबाव बनाने की रणनीति के तहत दो मई को घर में घुंसकर मारपीट की गई तथा तीन मई को हमारे खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई।
महिला पुलिस कर्मी भी नहीं थी साथ
पीड़ित ने बताया कि दो मई को जब पुलिस जांच करने पहुंची तो उनके साथ कोई महिला कॉन्स्टेबल तक नहीं थी। यह पूरा घटनाक्रम वीडियो में कैद है। बावजूद इसके पुलिस कर्मियों ने महिलाओं के साथ जमकर अभद्रता एवं मारपीट की, जिससे नेहा का गर्भपात हो गया है। इस पूरे प्रकरण में पीड़ित ने आरोपित पुलिस कर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग की है।
बोले अधिकारी
पुलिस जमीन के विवाद में जांच करने गई थी, जिस पर इस परिवार द्वारा हमला किया गया था। इस संंबंध में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की थी। वहीं शिकायत कर्ता पक्ष ने कोर्ट में वाद दायर किया हुआ है। गर्भपात के मामले में कोई जानकारी नहीं है।- वरुण मिश्रा