इंदौर। भगवान शिव को सृष्टि का आधार स्तंभ माना गया है। वे न केवल संहारक हैं, बल्कि सृष्टि के निर्माणकर्ता और संचालक भी हैं। उन्हें ‘देवों के देव महादेव’ कहा गया है, क्योंकि देवताओं के साथ-साथ दैत्य भी उनकी शरण में जाकर वरदान प्राप्त करते हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति पर एक बार भोलेनाथ की कृपा हो जाए, तो उसके जीवन की हर समस्या खत्म हो जाती है।
शास्त्रों में कहा गया है कि सावन का महीना शिवजी को अत्यंत प्रिय होता है। इस माह में भक्त सच्चे मन से शिव आराधना करते हैं और विशेष मंत्रों का जाप करते हैं, तो उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। वर्ष 2025 में सावन 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगा।
राशि के अनुसार मंत्र
राशि | स्वामी ग्रह | शिव का नाम | मंत्र |
मेष | मंगल | काल भैरव | ॐ कालभैरवाय नमः |
वृषभ | शुक्र | भोलेनाथ | ॐ भोलेनाथाय नमः |
मिथुन | बुध | गोविंद | ॐ गोविंदाय नमः |
कर्क | चंद्र | चन्द्रशेखर | ॐ चन्द्रशेखराय नमः |
सिंह | सूर्य | महेश्वर | ॐ महेश्वराय नमः |
कन्या | बुध | विश्वनाथ | ॐ विश्वनाथाय नमः |
तुला | शुक्र | त्रिपुरारी | ॐ त्रिपुरार्याय नमः |
वृश्चिक | मंगल | रुद्र | ॐ रुद्राय नमः |
धनु | गुरु | सदाशिव | ॐ सदाशिवाय नमः |
मकर | शनि | महाकाल | ॐ महाकालाय नमः |
कुंभ | शनि | पाशुपतिनाथ | ॐ पाशुपतिनाथाय नमः |
मीन | गुरु | त्र्यंबक | ॐ त्र्यंबकाय नमः |
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