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गोरखपुर
पिपराइच में मिलावटी पनीर बनाकर चार जिलों में बेचने वाला मो. खालिद आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया। उसके साथ मिलावटी पनीर बनाने वाले हरियाणा निवासी दो कारीगरों को भी गिरफ्तार किया गया है। तीनों को जेल भेज दिया गया है।
यह पहली बार है जब रिपोर्ट आने से पहले मिलावट करने वाले के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर उसे गिरफ्तार किया गया है। अब मो. खालिद से मिलावटी पनीर खरीदने वाले गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज और संतकबीरनगर के कारोबारी पुलिस के निशाने पर हैं। मो. खालिद के मोबाइल फोन से ब्योरा लेकर पुलिस इन पर भी शिकंजा कसेगी।
पिपराइच संवाददाता के अनुसार सोमवार शाम मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी हितेंद्र मोहन त्रिपाठी की तहरीर पर मो. खालिद और पांच कारीगरों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई थी। तभी तय हो गया था कि मो. खालिद की गिरफ्तारी होगी। 20 मई को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने छापा मारकर बड़े पैमाने पर मिलावटी पनीर बनाने का पर्दाफाश किया था। दो मई को भी कार्रवाई की गई थी।
गिरफ्तार करने वाले टीम में थानाध्यक्ष पुरुषोत्तम आनंद सिंह, एसएसआई अजीत कुमार चतुर्वेदी, एसआई सचिन पांडेय आदि शामिल रहे।
विवेचक जीत कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि तीनों को न्यायालय में पेश किया गया। यहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। बताया कि मिलावट के आरोपितों को आजीवन कारावास तक की सजा मिल सकती है।
इनकी हुई गिरफ्तारी
मो. खालिद अंसारी निवासी बरईपुर थाना पिपराइच, मो. शकील व मो. वहीद निवासी थाना पुनहाना हरियाणा। इस्लामपुर से इनकी गिरफ्तारी की गई है।
बेफिक्र था मो. खालिद
18 दिन में दो बार छापेमारी, पांच क्विंटल से ज्यादा मिलावटी पनीर और एक हजार किलोग्राम से ज्यादा मिलावटी दूध, रीठा, सैकरीन आदि पदार्थ मिलने के बाद भी मो. खालिद बेफिक्र था। उसको उम्मीद ही नहीं थी कि इस तरह की कार्रवाई हो जाएगी। दिल्ली और लखनऊ के उच्चाधिकारी लगातार प्रकरण की मानीटरिंग कर रहे थे। बड़े पैमाने पर मिलावटी पनीर बनाने और बिक्री का बड़ा नेटवर्क तैयार होने की पुष्टि के बाद उच्चाधिकारियों ने एफआइआर कराने के निर्देश दिए थे।
रात में होता था मिलावट का धंधा
मो. खालिद पनीर बनाने का काम लगातार करता था, लेकिन बिक्री की शुरुआत शाम को होती थी। शाम को वह सूती कपड़े में ढाई-ढाई किलोग्राम बांधता था और थर्माकोल के पैकेट में रखकर बेचने केे लिए वाहनों में रखवाता था। खरीदार पहले से ही तय थे इसलिए वाहन पहुंचते ही पनीर उतारकर बिक्री शुरू कर दी जाती थी।
सुबह तक पनीर छोटे दुकानदारों के यहां पहुंच जाता था। वह 160 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से पनीर की बिक्री करता था। सूत्रों का कहना है कि एक किलोग्राम पनीर तैयार कर वाहनों से भेजने का पूरा खर्च तकरीबन 125 रुपये आता था। इस हिसाब से मो. खालिद प्रति किलोग्राम 35 रुपये की कमाई करता था।
इस हिसाब वह रोजाना तकरीबन एक लाख 40 हजार रुपये कमा रहा था। मिलावट की जानकारी आसपास के लोगों को थी इसलिए उससे कोई पनीर नहीं खरीदता था। बाहर के लोग ही पनीर लेने पहुंचते थे। मिलावटी पनीर बेचने में एक बार उसके खिलाफ वाद भी दर्ज हो चुका है।