पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रावी नदी में आई बाढ़ के कारण करतारपुर कॉरिडोर और गुरुद्वारा दरबार साहिब जलमग्न हो गया। इस बाढ़ में 100 से अधिक लोग फंस गए, जिनमें से ज़्यादातर कर्मचारी थे। अधिकारियों ने 27 अगस्त को इस घटना की पुष्टि की।
कॉरिडोर हुआ जलमग्न, बचाव कार्य जारी
करतारपुर कॉरिडोर परियोजना प्रबंधन इकाई के प्रमुख सैफुल्लाह खोखर ने बताया कि गुरुद्वारा दरबार साहिब सहित पूरा करतारपुर कॉरिडोर परिसर बाढ़ के पानी में डूब गया है। फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए नावों और एक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों में पवित्र सिख तीर्थस्थल पानी से घिरा हुआ दिखाई दे रहा है।
भारत की चेतावनी और सिंध जल संधि का निलंबन
नारोवाल के उपायुक्त हसन रजा के मुताबिक भारत द्वारा रावी नदी में पानी छोड़े जाने के बाद कई निवासियों को बाढ़ग्रस्त इलाकों से निकाला गया है। उन्होंने बताया कि शकरगढ़ तहसील के कोट नैन में रावी नदी का जल स्तर 1,55,000 क्यूसेक पर पहुंच गया है, जबकि इसकी क्षमता 1,50,000 क्यूसेक है।
इससे पहले भारत ने ‘मानवीय आधार’ पर रविवार को राजनयिक माध्यमों से पाकिस्तान को बाढ़ की चेतावनी दी थी। यह मई में दोनों देशों के बीच संघर्ष के बाद पहला आधिकारिक संपर्क था। पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को भी निलंबित कर दिया था।
कृषि भूमि और फसलों को भारी नुकसान
अधिकारियों ने बताया कि इस बाढ़ से हजारों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो गई है, जिससे धान की फसल और पशु चारे को काफी नुकसान हुआ है। पिछले 24 घंटों की भारी बारिश ने स्थिति को और भी खराब कर दिया है।
लाहौर में भी बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है, जहाँ शाहदरा में रावी नदी का जलस्तर 72,900 क्यूसेक है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने स्थिति की समीक्षा के लिए एक आपात बैठक की और अधिकारियों को चेतावनी प्रणालियों को बेहतर बनाने का निर्देश दिया।
बचाव और राहत कार्यों में सेना की मदद
पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालने के लिए सेना को बुलाया है। अब तक 2,50,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।