गोरखपुर
गोरखपुर-पाटलिपुत्र वंदे भारत के चलते ही लोगों का रुझान बढ़ गया है। पहले दिन की यात्रा के लिए ही चार्ट बनने तक गोरखपुर से पाटलिपुत्र तक चेयरकार (सीसी) की 335 सीटें भर गई थीं। कुल 478 में 143 सीटें ही खाली थीं। एग्जीक्यूटिव कार (ईसी) में भी 17 सीट बुक हो गए थे। कुल 52 में से 35 सीटें खाली थीं।
रेलवे प्रशासन ने करंट टिकट का विकल्प छोड़ रखा था। ताकि, जरूरतमंद यात्री ट्रेन रवाना होने के आधा घंटे तक टिकट बुक कर सकें। जानकारों का कहना है कि गोरखपुर से मुजफ्फरपुर तक चेयरकार की सर्वाधिक सीटें भरी थीं। यानी, गोरखपुर से मुजफ्फर तक की यात्रा करने वाले अधिकतर यात्रियों ने टिकट बुक कराया था।
वंदे भारत के चलने से गोरखपुर से पाटलिपुत्र ही नहीं मुजफ्फरपुर की यात्रा भी सुगम होगी। मुजफ्फरपुर, बेतिया और नरकटियागंज से सर्वाधिक लोग गोरखपुर की यात्रा करते हैं। इसमें अधिकतर मरीज, नौकरीपेशा और व्यवसायी भी होते हैं। कुछ ऐसे में भी यात्री होते हैं, जो गोरखपुर पहुंचकर दिल्ली, महाराष्ट्र और सिकंदराबाद आदि के लिए ट्रेन पकड़ते हैं।
यद्यपि, गोरखपुर से कप्तानगंज तक की यात्रा करने वाले लोगों की संख्या कम थी। गोरखपुर से कप्तानगंज तक 132 और बगहा तक 150 लोगों ने टिकट बुक किया था। आने वाले दिनों में गोरखपुर से कप्तानगंज, बगहा, नरकटियागंज, बेतिया, मुजफ्फरपुर और पाटलिपुत्र के लिए सर्वाधिक यात्री मिलेंगे। फिलहाल, रेलवे ने पूर्वी क्षेत्र के लोगों के लिए सेमी हाईस्पीड के रूप में वंदे भारत ट्रेन की उपहार दे दी है।
26502/26501 नंबर की केसरिया रंग की आठ कोचों वाली गोरखपुर-पाटलिपुत्र वंदे भारत 22 जून से शनिवार को छोड़कर प्रतिदिन चलेगी। रेलवे प्रशासन ने इसके लिए गोरखपुर जंक्शन का प्लेटफार्म नंबर नौ निर्धारित कर दिया है। नौ नंबर से रवाना होकर इसी प्लेटफार्म पर वापस आएगी।
यह ट्रेन गोरखपुर से सुबह 05:40 बजे रवाना होकर दोपहर 12:45 बजे पाटलिपुत्र पहुंचेगी। वापसी में पाटलिपुत्र से दोपहर बाद 03:30 बजे रवाना होकर रात 10:30 बजे गोरखपुर पहुंचेगी। गोरखपुर से पाटलिपुत्र तक 384 किमी की दूरी 07:05 घंटे में पूरी करेगी। सात घंटे में पाटलिपुत्र से गोरखपुर वापस आ जाएगी।