विदेशी मीडिया को भी सुनाई खरी-खरी
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साक्षात्कार के दौरान पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की कार्रवाई को दो परमाणु संपन्न पड़ोसियों के बीच प्रतिशोध के रूप में पेश करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की आलोचना की।
रूस और यूक्रेन के मुद्दे पर भी रखी अपनी बात
विदेश एस जयशंकर ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर भी अपनी बात रखी। इस साक्षात्कार के दौरान जब उनसे पूछा गया कि यूक्रेन पर रूस के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के बाद भारत ने यूरोपीय संघ और अन्य पश्चिमी देशों के साथ मिलकर रूस पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया, इसके जवाब में जयशंकर ने कहा कि भारत के रुख को दोहराते हुए कहा कि युद्ध के माध्यम से शांति नहीं आ सकती।
दोनों देशों के साथ भारत के संबंध मजबूत
वहीं, इस बातचीत के दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के साथ भारत के संबंध मजबूत हैं। लेकिन उन्होंने याद दिलाया कि जब पाकिस्तान ने स्वतंत्रता के बाद भारत पर आक्रमण किया था, तो पश्चिमी देश इस्लामाबाद के साथ खड़ा था।
अमेरिका के साथ हमारे संबंध महत्वपूर्ण हैं: जयशंकर
इस बातचीत के दौरान विदेश मंत्री एसजयशंकर ने भारत और अमेरिका के बीच के रिश्तों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि मैं दुनिया को उसी रूप में लेता हूं, जैसा मैं उसे पाता हूं। हमारा उद्देश्य हर उस रिश्ते को आगे बढ़ाना है, जो हमारे हितों को पूरा करता हो और अमेरिका के साथ संबंध हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। यह व्यक्तित्व एक्स या राष्ट्रपति वाई के बारे में नहीं है।