ऐसे में रात में एक-दो घंटे बिजली की मांग एकदम से ज्यादा हो जाती है जबकि शेष समय कम ही रहती है। कुल 3.45 करोड़ उपभोक्ताओं में दो करोड़ उपभोक्ता गांव के ही हैं जिन्हें 18 घंटे बिजली आपूर्ति का रोस्टर लागू है।
यदि इन्हें भी 24 घंटे बिजली मिलने लगे तो वह कभी भी अपना काम कर सकते हैं। अभी छह घंटे की कटौती का रोस्टर होने से गांव में बिजली आते ही वहां छोटे-मोटे कल कारखाने चलने लगते हैं जबकि 24 घंटे आने पर ग्रामीण भी अपनी सुविधानुसार काम कर सकेंगे जिससे रात में बिजली की अधिकतम मांग घटेगी।
दूसरे राज्यों से ज्यादा हो रही बिजली आपूर्ति

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के अनुसार प्रदेश में दूसरे राज्यों से कहीं अधिक बिजली की आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने बताया कि नौ जून को प्रदेश में जहां 31,104 मेगावाट तक बिजली की आपूर्ति की गई।
वहीं गुजरात में 25,230 मेगावाट, महाराष्ट्र में 25,191 मेगावॉट, तमिलनाडु में 17,867 मेगावाट, राजस्थान में 16,562 मेगावॉट, पंजाब में 15,508 मेगावाट बिजली की आपूर्ति रही। शर्मा ने प्रदेशवासियों को तय शेड्यूल के अनुसार बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।