2.3kViews
1822
Shares
भभुआ
देश में कोरोना ने फिर दस्तक दे दी है। बिहार में भी कोरोना के मरीज मिल गए हैं। इसके बाद कैमूर जिले में भी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है, लेकिन अब तक तैयारी के नाम पर कुछ नहीं है।
वर्ष 2022-23 में सदर अस्पताल भभुआ, अनुमंडल अस्पताल मोहनियां व रामगढ़ में लगे क्रमश: पांच सौ, तीन सौ व दो सौ लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट कई महीने से बंद हैं।
एंटी किट से कोरोना की जांच के बाद उसकी सत्यता को प्रमाणित करने के लिए सदर अस्पताल में बने आरटीपीसीआर केंद्र में वर्तमान समय में जांच किट उपलब्ध नहीं है।
उधर, बीते दिन पटना में दो कोरोना पॉजिटिव के मिलने पर वीसी के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी सिविल सर्जन को कोरोना को ध्यान में रखकर उसका सामना करने के लिए ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, बेड, एंबुलेंस, चिकित्सक व दवा आदि की तैयारी पूरी करने का निर्देश दिया है।
अफसर बोले- सतर्क रहने की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है लेकिन सतर्क रहने की आवश्यकता है। सदर अस्पताल में बीते वर्ष 2020-21 में बीस बेड के वार्ड को वर्तमान में आईसीयू बनाया गया है।
बगल में स्थित एएनएम स्कूल में फिलवक्त पठन-पाठन का कार्य चल रहा है। ऐसे में अचानक कोरोना के वायरस के फैलने पर व्यवस्था की तैयारी करने में अस्पताल प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020-21 में अचानक उत्पन्न हुई कोरोना महामारी के दौरान प्रभावित लोगों की जांच व इलाज के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था।
ऑक्सीजन के लिए प्रति एक वाहन औरंगाबाद जाकर ऑक्सीजन सिलेंडर लाने का कार्य करता था। एंटीजन से जांच के बाद उसके कन्फर्मेशन के लिए स्वाब मेडिकल कॉलेज सासाराम भेजना पड़ता था।
हालांकि, इसके बाद सदर अस्पताल में आरटीपीसीआर लैब की स्थापना कराने के साथ सदर व अनुमंडल अस्पताल मोहनियां तथा रेफरल अस्पताल रामगढ़ में ऑक्सीजन प्लांट लगवा दिया गया था।
साथ ही कुछ लोगों को निजी एंबुलेंस भी अनुदान पर उपलब्ध कराया गया था। इसके बाद कई बार प्लांट बंद हुए और बाद में तकनीशियन बुलाकर उसे चालू कराया गया। जिले में मांग के अनुरूप चिकित्सकों की भी कमी है।