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गोरखपुर
भारत-पाकिस्तान में संघर्ष के बाद हिंदुस्तान पेट्रोलियम की एजेंसियों पर रसोई गैस का संकट हो गया है। पंजाब से लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) न आने के कारण सहजनवां के गीडा स्थित बाटलिंग प्लांट में रसोई गैस सिलिंडरों में रीफिलिंग पर असर पड़ा है। इस कारण एजेंसियों पर सिलिंडर कम संख्या में भेजे जा रहे हैं। प्रबंधन का दावा है कि हल्दिया से गैस लेकर काम चलाया जा रहा है। हालांकि संकट फिर भी बरकरार है।
हिंदुस्तान पेट्रोलियम के बाटलिंग प्लांट को पंजाब के भटिंडा से सबसे ज्यादा गैस मिलती है। टैंकरों के माध्यम से गैस बाटलिंग प्लांट में पहुंचाया जाता है। यहां इसे सिलिंडरों में भरकर ट्रकों के माध्यम से एजेंसियों के गोदामों पर भेजा जाता है। गोदामों से हाकरों के माध्यम से घर-घर आपूर्ति दी जाती है। संघर्ष शुरू होने के साथ ही सुरक्षा कारणों से गैस टैंकरों की आपूर्ति रोक दी गई थी। इसके बाद से ही संकट गहराने लगा था।
एक हफ्ते से ऊपर पहुंच गया था बैकलाग
लगातर टैंकर न आने से हिंदुस्तान पेट्रोलियम की एजेंसियों पर रसोई गैस सिलेंडर का बैकलाग एक हफ्ते से ज्यादा हो गया था। यानी बुकिंग के एक हफ्ते बाद ही उपभोक्ताओं को सिलिंडर मिल पा रहा था। हाल के दिनों में आपूर्ति बढ़ने के बाद बैकलाग चार से पांच दिन का हुआ है।
दो सौ से ज्यादा एजेंसियों को आपूर्ति
बाटलिंग प्लांट से पूर्वांचल और आसपास की तकरीबन दो सौ एजेंसियों को आपूर्ति दी जाती है। गैस की कमी से इन एजेंसियों की आपूर्ति पर असर पड़ा है।