इसके बाद दिल्ली के नीरज बवाना गिरोह को कारतूसों की सप्लाई दे दी जाती थी। यह कारतूस 50 रुपये में खरीदारी
करते थे। उसके बाद बारूद भरकर 150 से 200 रुपये तक प्रति कारतूस की सप्लाई दी जाती थी। यह गिरोह पीछले दो साल से यह काम कर रहा है।

किसी खिलाड़ी से खरीदता था कारतूस

पकड़े गए तस्करों ने बताया कि अहद उर्फ राजा उर्फ पख्तूनी उक्त शूटिंग के कारतूसों को किसी खिलाड़ी से खरीदारी करता था। शूटिंग खिलाड़ी इटली मेड कारतूसों को वहां से लाकर अहद को प्रति कारतूस 50 रुपये में देता था।

सठला के मदरसे में कारतूसों में बारूद भरकर उन्हें तैयार किया जाता था। उसके बाद भूरा और जानी कारतूसों को दिल्ली के नीरज बवाना गिरोह को सप्लाई करता था। अहद को पकड़ने में पुलिस की टीम लगी हुई है।
ताकि पता चल सके कि इटली मेड कारतूस किस खिलाड़ी से खरीदे जाते थे। फिलहाल इस गिरोह के पांच आरोपी शाकिर, कदीम, जोनी, अहद और भूरा फरार चल रहे है। उनकी तलाश में पुलिस दबिश डाल रही है।