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नई दिल्ली
भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बावजूद लोगों को सतर्क करने के लिए सायरन लगाने की योजना पर जिला प्रशासन पुनर्विचार करेगा। दिल्ली के प्रत्येक जिले में 10 सायरन लगाने की योजना थी, लेकिन मध्य जिले की सघन आबादी को देखते हुए यहां 60 सायरन लगाने की तैयारी थी।
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी)मुख्यालय में लगे सायरन को 13वीं मंजिल से दूसरी मंजिल पर लाने की योजना भी बनाई गई है। मध्य दिल्ली जिला प्रशासन के अनुसार, सीजफायर के बावजूद, कोई आधिकारिक आदेश तैयारियों को रोकने का नहीं आया है। इसलिए, पुराने आदेशों के अनुसार कार्य जारी है। जल्द ही जिला प्रशासन की बैठक होगी, जिसमें इस योजना की समीक्षा की जाएगी और निर्णय लिया जाएगा।
क्यों और कहां-कहां लगने हैं सायरन?
युद्ध की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, जिला प्रशासन 60 नए सायरन लगाने पर विचार कर रहा है। करोलबाग, कोतवाली और सिविल लाइंस क्षेत्रों में प्रत्येक में 20 सायरन लगाने की योजना थी। सभी सायरनों की ध्वनि समान होगी, ताकि किसी भी आपात स्थिति में लोगों में भ्रम न हो। उल्लेखनीय है कि सायरन का उपयोग हवाई हमले की स्थिति में लोगों को सतर्क करने के लिए किया जाता है।
सायरन लगवाने के लिए इंजीनियरों की मदद लेगा प्रशासन
किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन सायरन सिस्टम लगाने के लिए इंजीनियरों की मदद लेने की तैयारी कर रहा है, ताकि तकनीकी रूप से मजबूत और प्रभावी व्यवस्था तैयार की जा सके। सायरन लगाने के लिए भीड़भाड़ वाले स्थानों पर ऊंची इमारतों के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण स्थानों को चिह्नित करने में जुटा है।
दक्षिणी दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में लगने हैं सायरन
साथ ही सिविल डिफेंस वालेंटियर्स के साथ मिलकर जागरूकता अभियान चलाने की तैयारी की जा रही है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने और लोगों को सतर्क करने के लिए दक्षिणी दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में सायरन लगाए जाने हैं। इसके लिए प्रमुख स्थानों का चयन किया जा रहा है।
एक अधिकारी के अनुसार भीड़भाड़ वालों स्थानों के अलावा बस स्टैंड, मेट्रो स्टेशन के पास के क्षेत्र और सरकारी कार्यालयों को प्राथमिकता दी जा रही है। 10 स्थानों पर सायरन लगाए जाने हैं। सायरन लगाने के लिए इंजीनियरों की मदद ली जाएगी, ताकि प्रभावी व्यवस्था तैयार की जा सके।