कोर्स के तहत संगीत और कविता क्षेत्र के विशेषज्ञ प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से बुलाए जाएंगे। ये एक्सपर्ट विद्यार्थियों को सुर, ताल, वायस माड्यूलेशन, रियाज तकनीक, मंच प्रस्तुति के साथ-साथ कविता लेखन, भाव-अभिव्यक्ति, वाचन कला और शब्द-संयोजन का प्रशिक्षण देंगे।
काव्य और संगीत के माध्यम से इच्छुक छात्र न केवल अपनी रचनात्मकता निखार सकेंगे, बल्कि इंटरनेट मीडिया और ऑडिशन प्लेटफार्म्स के जरिए अपनी एक अलग पहचान भी बना सकेंगे।
इस कदम को आईटीआई की पारंपरिक छवि में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है, जो तकनीकी प्रशिक्षण को व्यक्तित्व निर्माण और सृजनात्मक हुनर के साथ जोड़ता है।
विभाग प्रमुख सचिव डा. हरिओम, जो स्वयं एक प्रतिष्ठित गायक और साहित्यप्रेमी हैं, के नेतृत्व में यह पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू करने की तैयारी है। उनका कहना है कि आज के युवा को सिर्फ मशीन नहीं, मंच भी संभालना आना चाहिए।
इस प्रशिक्षण के उपरांत छात्र फ्रीलांस सिंगिंग, कविता वाचन, ऑडिशन, कंटेंट क्रिएशन, वॉइस ओवर, जिंगल रिकार्डिंग और लोकल कार्यक्रमों में प्रस्तुति जैसे क्षेत्रों में रोजगार या स्वरोजगार की संभावनाएं तलाश सकते हैं।