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गोरखपुर
एयरपोर्ट पर मंगलवार को सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा और आपात स्थिति से निपटने की माकड्रिल पूरी तरह से हाई अलर्ट मोड में संपन्न हुई। दिन भर चले इस अभूतपूर्व अभ्यास के दौरान सुरक्षा एजेंसियों, एयरपोर्ट प्रबंधन और भारतीय वायुसेना ने संयुक्त रूप से अपने-अपने मोर्चों पर तैनात रहे और कार्रवाई का अभ्यास किया।
शाम 7:45 बजे एयरपोर्ट कंट्रोल रूम से ब्लैकआउट का अलर्ट जारी हुआ। महज तीन मिनट में पूरा एयरपोर्ट अंधेरे में डूब गया। रोशनी गुल होते ही हर सुरक्षा इकाई अपने-अपने जगह मोर्चा संभाल लिए। इस दौरान एयरपोर्ट परिसर में करीब 450 सुरक्षाकर्मी, एयरपोर्ट अथारिटी और विमानन कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी तैनात थे।
जवानों ने हथियारों के साथ पूरी सतर्कता में पोजीशन ली। परिसर में मौजूद यात्रियों और कर्मियों को तेजी से निकाला गया, जिससे किसी भी संभावित जान-माल की हानि से बचा जा सके। ब्लैकआउट के बाद अगला चरण था, किसी हमले की स्थिति में घायल को कैसे तत्काल चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाए। रात 8:15 बजे तक ब्लैकआउट की स्थिति बनी रही, जिसके बाद सामान्य रोशनी बहाल की गई और कमांड रिव्यू हुआ।
वायुसेना ने की सायरन ड्रिल
इससे पहले शाम चार बजे विशेष हवाई अड्डा सुरक्षा कमेटी की बैठक हुई, जिसमें एयरपोर्ट की मौजूदा सुरक्षा रणनीति, आपदा प्रबंधन और समन्वय तंत्र की समीक्षा की गई। बैठक में एसएसएफ, एटीसी, फायर ब्रिगेड, मेडिकल यूनिट और एयरलाइन प्रतिनिधि शामिल हुए। वहीं, भारतीय वायुसेना ने भी शाम चार बजे सायरन बजाकर एयर स्ट्राइक से बचाव की माकड्रिल किया। इस दौरान पूरे एयरपोर्ट पर चेतावनी स्वरूप सायरन बजाया गया।
विशेष अनुमति के बाद दिया गया प्रवेश
एयर स्ट्राइक के बाद गोरखपुर एयरपोर्ट पर सुरक्षा का सख्त पहरा देखने को मिला। मुख्य गेट पर वीआईपी गाड़ियों को भी विशेष अनुमति के बाद ही प्रवेश दिया गया। साथ ही एयरपोर्ट पर आने व जाने वाले यात्रियों का विधिवत जांच किया गया। इसके अलावा सीसी कैमरे से भी पूरे एयरपोर्ट की निगरानी चलती रही। कंट्रोल रूम में बैठै विशेषज्ञ संदिग्ध पर नजर बनाए हुए थे।