ग्राम सभा में इस बात को स्वीकार किया गया
अंगुली दिखाने पर ऐसे मिलेगी मदद
ग्राम सभा ने कहा कि जिस व्यक्ति को मदद की जरूरत है, उसे खतरा महसूस होने पर तर्जनी उठानी होगी। प्रस्ताव के अनुसार, यह इशारा दूसरे लोगों को सचेत करेगा जो उसकी मदद के लिए दौड़ेंगे। इस कदम से महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को बहुत मदद मिलेगी।
यह पहल सरपंच अंकुश शिंदे के दिमाग की उपज
यह अवधारणा पोथरे निलाज के सरपंच अंकुश शिंदे के दिमाग की उपज है। शिंदे ने बताया, ”यह विचार सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद जिनजादे के साथ चर्चा के दौरान आया। उन्होंने ग्रामीण महाराष्ट्र में विधवाओं से संबंधित कुछ रीति-रिवाजों को खत्म करने जैसी कई पहल की है।”
समाज में कई कारणों से भय व्याप्त है
इस पहल के बारे में जिनजादे ने कहा कि समाज में कई कारणों से भय व्याप्त है, कुछ घरेलू तो कुछ असामाजिक तत्वों से संबंधित हैं। घर और किसी काम में समस्याओं का सामना कर रहे लोग शायद बोलने का साहस न जुटा पाएं। उन्हें असामाजिक तत्वों द्वारा परेशान किया जा सकता है या ऋण चुकाने में विफल रहने पर साहूकारों द्वारा परेशान किया जा सकता है।
हिंसा दिखाने वाले कई वीडियो सामने आए
तर्जनी अंगुली उठाने का मतलब होगा कि संबंधित व्यक्ति को मदद की जरूरत है। इसे देखकर अन्य लोग ग्राम सेवक और सरपंच को सूचित कर सकते हैं।हाल के दिनों में मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड जिले में हिंसा दिखाने वाले कई वीडियो सामने आए हैं। इसी की पृष्ठभूमि में यह प्रस्ताव आया है।
पोथेरे निलाज गांव की आबादी छह हजार
पोथेरे निलाज गांव की आबादी छह हजार है और यहां ज्यादातर लोग खेती-बाड़ी में लगे हुए हैं। सामाजिक बुराइयों से लड़ते हुए यह गांव अब प्रगति के मार्ग पर अग्रसर हो रहा है। यह सोलापुर जिले का पहला गांव है जिसने 2022 में कोल्हापुर जिले में हेरवाड़ ग्राम पंचायत द्वारा पारित प्रस्ताव को अपनाया है। इस प्रस्ताव में विधवा के मंगलसूत्र, पैर की अंगूठी उतारने और सिंदूर पोंछने जैसी प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है।