अमेरिका में लगभग चार दशकों बाद एक मांस खाने वाले परजीवी (Flesh-Eating Parasite) का मामला सामने आया है, जिसने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है। इस दुर्लभ केस में मैरीलैंड की एक महिला संक्रमित पाई गई, जो हाल ही में सेंट्रल अमेरिका (मध्य अमेरिका) की यात्रा से लौटी थीं। माना जा रहा है कि उन्हें वहीं यह संक्रमण हुआ, जिसे “न्यू वर्ल्ड स्क्रूवॉर्म फ्लाई” (Cochliomyia hominivorax) फैलाती है।
क्या है यह “स्क्रूवॉर्म” परजीवी?
स्क्रूवॉर्म एक प्रकार की फ्लाई (मक्खी) है, जो गर्म खून वाले जानवरों या इंसानों के खुले जख्मों में अंडे देती है। इन अंडों से निकली लार्वा (कीड़े) जिंदा मांस को खाना शुरू कर देती हैं और धीरे-धीरे अंदर तक शरीर में घुस जाती हैं। अगर समय रहते इलाज न हो, तो ये संक्रमण जानलेवा हो सकता है। पशुओं में तो यह बीमारी एक हफ्ते के अंदर मौत तक का कारण बन सकती है।
महिला की हालत अब कैसी है?
अच्छी खबर ये है कि मैरीलैंड की महिला का इलाज सफल रहा और वह पूरी तरह ठीक हो चुकी हैं। अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि इंसानों में फैलने का खतरा फिलहाल बहुत कम है, लेकिन यह मामला चिंता का कारण इसलिए है क्योंकि इससे यह संकेत मिलता है कि यह परजीवी अब उत्तर की ओर फैल सकता है, यानी अमेरिका के अन्य हिस्से भी खतरे में आ सकते हैं।
किसे सबसे ज्यादा खतरा?
गाय, भैंस, सुअर, घोड़े जैसे पशु इस परजीवी के मुख्य शिकार होते हैं। पालतू जानवर जैसे कुत्ते और बिल्ली भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। इंसानों में मामले बहुत कम होते हैं, लेकिन जब होते हैं, तो इनका असर तेजी से और गंभीर होता है। एक अनुमान के मुताबिक, अगर यह संक्रमण अमेरिका के पशुधन भारी राज्यों जैसे टेक्सास में फैलता है, तो इससे 1.8 अरब डॉलर (लगभग ₹15,000 करोड़) तक का आर्थिक नुकसान हो सकता है।
अमेरिका ने इसे पहले कैसे रोका था?
अमेरिका ने 1950 के दशक में इस परजीवी को खत्म करने के लिए एक खास तरीका अपनाया था – बांझ (Sterile) मक्खियां छोड़ना, ताकि परजीवी का प्रजनन चक्र टूट जाए। इसकी वजह से 1982 के बाद कोई लोकल केस सामने नहीं आया था। इसके बाद जो भी केस सामने आए, वे सिर्फ विदेश यात्रा से लौटे लोगों में पाए गए।
अब फिर से क्यों हो रही है चिंता?
हाल के वर्षों में मध्य अमेरिकी देशों जैसे निकारागुआ और कोस्टा रिका में इस परजीवी के मामले तेजी से बढ़े हैं। 2023 से अब तक सैकड़ों इंसानी केस सामने आ चुके हैं, जिनमें कई लोगों की हालत इतनी खराब हो गई कि इमरजेंसी सर्जरी करनी पड़ी, ताकि लार्वा उनके मस्तिष्क या आंतरिक अंगों तक न पहुंच सकें।
क्या करना होगा अब?
विशेषज्ञों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग बेहद जरूरी है, ताकि यह परजीवी अमेरिका और अन्य देशों में न फैल सके। इसका असर सिर्फ मानव स्वास्थ्य पर नहीं, बल्कि खाद्य सुरक्षा और पशुपालन उद्योग पर भी पड़ सकता है।