हिमाचल प्रदेश में तेज बारिश के चलते डैमों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिसकी वजह से पंजाब के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। हालांकि मौसम विभाग ने राहत की खबर दी है आने वाले दिनों में भारी बारिश का अलर्ट नहीं है, लेकिन कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई गई है।
मिली जानकारी के अनुसार फिरोजपुर जिले के 12 गांवों में पानी भरना शुरू हो गया। वहीं गांव गट्टी राजोके के खेत जलमग्न हो गए हैं और बीएसएफ के चेक पोस्ट तक भी पानी पहुंच गया है। इस दौरान लोगों काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण और प्रशासन मिलकर हालात संभालने में जुटे हुए हैं। पानी को रोकने मे लोग जुटे हुए हैं। फिरोजपुर प्रशासन अलर्ट पर है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। वहीं अगर आज की बात करें तो सुबह से पंजाब भर में भारी बारिश देखी गई है। इसी बीच पाकिस्तान में सतलुज नदी पर बना एक बांध टूट गया है, जिससे भारत के पंजाब के सुल्तानपुर लोधी में खेतों में पानी भर गया है और फसलें भी पानी में डूब गई हैं। पठानकोट में सड़कें पानी डूबी हुई हैं, जिसले लोग काफी परेशान हैं। फाजिल्का में लोगों खेतों और घरों तक में पानी भर गया है। इसी के साथ होशियारपुर में भी सड़के पानी में डूब गई हैं, जिससे वाहनों चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में पंजाब के कई जिलों पठानकोट, होशियारपुर, रूपनगर, गुरदासपुर, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, नवांशहर, फतेहगढ़ साहिब और पटियाला में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है। 23 अगस्त को अधिकतर स्थानों पर बारिश की आशंका है, जिसको देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है। 25 अगस्त तक भारी बारिश होने की संभावना बनी हुई है।
भाखड़ा ब्यास मैनेजमैंट बोर्ड की तरफ ने गत दिन मंगलवार को फ्लड गेट खोले गए। इस दौरान 45 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। अगस्त महीने में सुखना के फ्लड गेट 5वीं दफा खोलने पड़े। 2 रोज पहले रविवार को ही एक गेट खोल जलस्तर सामान्य तक लाया गया था, लेकिन मंगलवार को कैचमेंट एरिया से पौने घंटे में ही इतना पानी आने लगा कि दोनों गेट खोलने पड़ गए। सुखना में पानी इतना जल्दी और भारी मात्रा में आया कि 4:30 बजे दोनों गेट 4-4 ईंच तक खोलने पड़े। वहीं, एक गेट 6:30 बजे बंद कर दिया, लेकिन कैचमेंट एरिया से लगातार आ रहे पानी को देखते हुए दूसरा गेट 2 ईंच तक देर रात 11 बजे तक भी खुला था। इसी के साथ आपको बता दें कि, रावी और उज्ज दरिया का जलस्तर काफी बढ़ गया है, जिससे पठानकोट और गुरदासपुर के इलाकों में पानी खेतों में आ गया था। वहीं मंड क्षेत्र के 25 से अधिक गांवों में पानी भरने की वजह से परेशानी बनी हुई है।