लॉस एंजिलिस की एक आम गृहिणी बैटी बेरसिंगर रोज की तरह अपनी छोटी बेटी के साथ टहलने निकली थीं। शहर की गलियां उस सुबह कुछ ज्यादा ही शांत थीं। जब वो नॉर्थटन एवेन्यू के पास पहुंचीं, तो उनकी नजर सड़क किनारे घास में पड़ी किसी अजीब चीज पर गई।
पहली झलक में उन्हें लगा कि कोई टूटा हुआ मैनिक्विन (प्लास्टिक डमी) पड़ा है — शायद किसी स्टोर से फेंका गया होगा। लेकिन जैसे ही वो कुछ कदम आगे बढ़ीं, उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गई… वो मैनिक्विन नहीं, बल्कि एक महिला की बेरहमी से कटी हुई लाश थी। शरीर दो टुकड़ों में बंटा हुआ था। कपड़े नहीं थे। चेहरा पूरी तरह चीरा गया था, राइट ब्रेस्ट को काटा गया था, शरीर से खून पूरी तरह निकाला जा चुका था। हत्या इतनी सर्जिकल और ठंडे दिमाग से की गई थी कि पुलिस भी हैरान रह गई। कुछ घंटों बाद शव की पहचान हुई – एलिजाबेथ शॉर्ट, एक युवा अभिनेत्री जो हॉलीवुड में करियर बनाने के सपने लिए घूम रही थी।
पुलिस ने 500 से अधिक लोगों से पूछताछ की। लगभग 60 से ज्यादा ने खुद को हत्यारा भी बताया। लेकिन सब के सब झूठ निकले — कोई मनोरोगी, कोई झूठा सनकी और कुछ तो ऐसे भी जिन्होंने उस वक्त जन्म ही नहीं लिया था।
– क्या यह कोई सीरियल किलर था?
– या फिर हॉलीवुड के काले राज़ों से जुड़ा कोई खतरनाक व्यक्ति?
-क्या एलिजाबेथ किसी ऐसे रहस्य की गवाह थी जो उसे जान से हाथ धोने पर मजबूर कर गया?
एलिजाबेथ शॉर्ट की रहस्यमयी और दिल दहला देने वाली हत्या पर 2006 में एक हॉलीवुड फिल्म भी बनी — “The Black Dahlia”। फिल्म ने 1947 की उस खौफनाक सुबह से लेकर केस की जांच, मीडिया सनसनी और समाज की सनकी दिलचस्पी तक को पर्दे पर उतारने की कोशिश की।