पंजाब सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और मानक को और बेहतर बनाने के एक अनूठे प्रयास के तहत पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डी.आई.ई.टी.) संगरूर में अध्यापकों से संवाद के जरिए अध्यापकों से सुझाव और फीडबैक लिए। हरजोत सिंह बैंस ने शनिवार को जिले के स्कूल प्रमुखों के साथ विशेष संवाद करते हुए उनसे कीमती सुझाव लिए ताकि शिक्षा की गुणवत्ता और स्कूलों की बुनियादी सुविधाओं में और सुधार किया जा सके।
अध्यापकों को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पंजाब के सरकारी स्कूल अब वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त कर रहे है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की नीति नतीजा मुखी है न कि सिर्फ दिखावट वाली। उन्होंने अध्यापकों की समस्याओं के निपटारे कको पूरा भरोसा दिया और 400 करोड़ रुपये की लागत से कंप्यूटर लैब का नवीनीकरण करने की योजना जा ऐलान किया। स्कूलों में इंटरैक्टिव पैनल लगाए जा रहे हैं और अध्यापकों के तीसरे बैंच को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजा जाएगा, जिस संबंधी चयन सिर्फ मैरिट के आधार पर होगा।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि लेक्चररों की पदोन्नति, 400 नए प्रिंसिपलों की नियुक्ति और स्कूलों में बैठने और सफाई की सुविधाओं में सुधार जैसी कई पहल की गई हैं। नेशनल अचीवमेंट सर्वे (एन.ए.एस.) 2024 में पंजाब ने शानदार प्रदर्शन करके राष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति मजबूत की है। सरकारी स्कूलों के 845 विद्यार्थियों ने एन.ई.ई.टी. में कामयाबी हासिल की है और 265 छात्रों ने जेईई मेन्स पास करके शैक्षणिक उत्कृष्टता के प्रति स्कूल शिक्षा विभाग की प्रतिबद्धता को साबित किया है। अध्यापकों को बधाई देते हुए हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि पंजाब सरकार ने स्कूली शिक्षा को और बेहतर बनाने और छात्रों के बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए स्कूल ऑफ एमिनेंस, स्कूल ऑफ हैप्पीनेस और स्कूल ऑफ ब्रिलिएंस जैसी पहल शुरू की हैं।