यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह 31 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं। शासन और सत्ता के गलियारों में लखनऊ से दिल्ली तक यही सवाल है कि प्रदेश का अगला बॉस यानी मुख्य सचिव (CS) कौन होगा?
बीते साढ़े 8 साल से बतौर प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव सीएम योगी के भरोसमंद आईएएस शशि प्रकाश गोयल, केंद्र में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव देवेश चतुर्वेदी और कृषि उत्पादन आयुक्त, वित्त, बेसिक, माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार मुख्य सचिव की दौड़ में शामिल हैं।
जानकारों का मानना है कि अगले पंचायत और विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्य सचिव का फैसला पीएम नरेंद्र मोदी की सहमति से सीएम योगी ही करेंगे।
आईएएस की सेवा में जिलाधिकारी, प्रमुख सचिव और मुख्य सचिव ही महत्वपूर्ण पद माने जाते हैं। हर आईएएस की इच्छा होती है कि वह प्रदेश का प्रमुख सचिव गृह, देश का गृह सचिव, देश का वित्त सचिव, देश का विदेश सचिव, राज्य का मुख्य सचिव या भारत सरकार का कैबिनेट सचिव बने। यूपी की सियासत में भी इन दिनों राज्य के मुख्य सचिव को लेकर चर्चाओं का दौर तेजी से चल रहा है।
रेस में कौन-कौन अफसर?
यूपी कैडर के आईएएस में मुख्य सचिव के लिए एसपी गोयल सबसे वरिष्ठ हैं। गोयल का बीते साल भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति पर जाने का रास्ता साफ हो गया था। माना जाता है कि यूपी का अगला सीएस बनाने की योजना के तहत ही उन्हें पंचम तल पर ही रोका गया।
गोयल के बाद सबसे वरिष्ठ अधिकारी देवेश चतुर्वेदी हैं। देवेश अभी भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव हैं। उनको सीएस बनाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से केंद्र सरकार को उन्हें रिलीव करने का पत्र लिखा जाएगा। केंद्र ने सहमति दी, तो ही देवेश सीएस बन पाएंगे।
देवेश चतुर्वेदी के बाद उन्हीं के बैच के आईएएस अनिल कुमार भी दावेदार हैं। अनिल कुमार अभी राजस्व परिषद के अध्यक्ष हैं। जानकारों का मानना है कि योगी सरकार 1 और 2 में अनिल कुमार को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं मिली। पिछले अनुभव को देखते हुए यह कहना मुश्किल होगा कि वह सीएस के लिए सीएम योगी की सबसे पहली पसंद होंगे।
देवेश चतुर्वेदी के बाद सबसे बड़ा नाम कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार का है। योगी के सांसद कार्यकाल के दौरान दीपक कुमार गोरखपुर के जिलाधिकारी रहे हैं। वह योगी के भरोसेमंद और करीबी अफसर हैं।
एसपी गोयल ना सिर्फ मुख्य सचिव की रेस में सबसे आगे हैं, बल्कि सबसे वरिष्ठ अधिकारी भी हैं। पिछले 8 साल से सीएम योगी के प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव पंचम तल (मुख्यमंत्री कार्यालय) की कमान संभाल रहे हैं। बीते साढ़े 8 साल से पंचम तल पर रहने की वजह से प्रदेश के एक-एक जिले की उनकी गहरी पकड़ है। यूपी और दिल्ली की ब्यूरोक्रेसी के साथ राजनीतिक में भी गहरी पकड़ है।
गोयल के लिए ये समीकरण नेगेटिव
एसपी गोयल को सीएस बनाने से रोकने के लिए एक लॉबी यह भी तर्क दे रही है कि पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा वैश्य (अग्रवाल) समाज से हैं। एसपी गोयल भी उसी समाज से हैं। अगर गोयल को मुख्य सचिव बनाया गया तो शासन और पुलिस के मुखिया एक ही समाज से हो जाएंगे।
देवेश भी योगी के भरोसेमंद
देवेश चतुर्वेदी भी सीएम योगी के भरोसेमंद अफसर हैं। देवेश गोरखपुर के जिलाधिकारी भी रहे हैं। योगी सरकार के दोनों कार्यकाल में देवेश नियुक्ति एवं कार्मिक, कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव के साथ कृषि उत्पादन आयुक्त भी रहे हैं। पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ब्राह्मण समाज को साधने के लिए देवेश चतुर्वेदी को भी सीएस बनाने पर मंथन है। हालांकि, देवेश चतुर्वेदी भारत सरकार में कृषि जैसे महत्वपूर्ण विभाग में सचिव हैं।
वह पीएम नरेंद्र मोदी की सहमति के बाद ही केंद्र से लौटकर यूपी में सीएस बन सकेंगे। देवेश चतुर्वेदी फरवरी, 2026 में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। अगर उन्हें सीएस बनाया गया, तो एक साल का सेवा विस्तार भी मिल सकता है।