छतरपुर
बागेश्वर धाम के पास फिर हादसा, श्रद्धालुओं पर टूटी मुसीबत
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बागेश्वर धाम एक बार फिर एक दुखद घटना की वजह से सुर्खियों में आ गया है। भारी बारिश के बीच दर्शन को आए श्रद्धालु एक गंभीर हादसे का शिकार हो गए। हादसा उस समय हुआ जब कुछ लोग बारिश से बचने के लिए एक ढाबे के नीचे रुके हुए थे, तभी अचानक वहां की दीवार भरभराकर गिर गई।
इस दर्दनाक घटना में मिर्जापुर निवासी 40 वर्षीय महिला अनीता देवी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि करीब 10 अन्य श्रद्धालु घायल हुए हैं। इनमें से 1-2 की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया है।
हादसा कैसे हुआ?
यह हादसा छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में हुआ, जो बागेश्वर धाम से अधिक दूरी पर नहीं है। लगातार हो रही बारिश के कारण लोग आसपास की दुकानों और ढाबों में शरण ले रहे थे। तभी एक होम स्टे से सटे ढाबे की पुरानी दीवार अचानक ढह गई और वहां खड़े कई श्रद्धालु मलबे के नीचे दब गए।
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं। मलबे में फंसे लोगों को निकालकर नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस पूरी स्थिति पर नजर रख रहे छतरपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. आरपी गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में एक महिला का शव और 10 घायल लाए गए हैं। सभी को प्राथमिक चिकित्सा दी जा रही है और स्थिति नियंत्रण में है।
मौके पर प्रशासन की सक्रियता
राजनगर के एसडीएम प्रशांत अग्रवाल ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है जिसमें एक महिला की जान गई है और कुछ लोग घायल हुए हैं। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी घायलों को समय पर इलाज उपलब्ध कराया और मलबा हटाने का काम तुरंत शुरू कर दिया गया।
पहले भी हो चुका है हादसा
यह कोई पहली बार नहीं है जब बागेश्वर धाम के आसपास कोई बड़ा हादसा हुआ हो। सिर्फ कुछ दिन पहले, 3 जुलाई को, धाम परिसर में उस समय एक हादसा हुआ था जब आरती के दौरान वहां बना शेड गिर गया था। उस घटना में उत्तर प्रदेश निवासी 50 वर्षीय श्यामलाल कौशल की मौत हो गई थी। उस हादसे ने भी धाम की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे।
श्रद्धालुओं से की गई अपील
बागेश्वर धाम में 10 जुलाई को आने वाली गुरु पूर्णिमा के चलते श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटने की संभावना है। हालांकि, वर्तमान हालात को देखते हुए और प्रदेश के कई हिस्सों में हो रही लगातार बारिश के कारण बिगड़े जनजीवन को ध्यान में रखते हुए, धाम प्रमुख आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे गुरु पूर्णिमा अपने घर पर ही मनाएं। उनका कहना है कि भक्तों की सुरक्षा सर्वोपरि है, और ऐसे में किसी भी अनहोनी से बचने के लिए संयम बरतना आवश्यक है।
सवालों के घेरे में सुरक्षा इंतजाम
लगातार हो रही घटनाओं ने बागेश्वर धाम की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर जो दावे किए जाते हैं, वे इन दो घटनाओं के बाद कमजोर पड़ते नजर आ रहे हैं। भीड़ नियंत्रण, बारिश से बचाव के उपाय, और इमरजेंसी रेस्पॉन्स जैसी बुनियादी व्यवस्थाओं की समीक्षा की ज़रूरत महसूस की जा रही है।
धार्मिक आस्था के इस बड़े केंद्र में आए दिन हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं, ऐसे में प्रशासन और आयोजकों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि वे मौसम और भीड़ को ध्यान में रखते हुए ठोस इंतजाम करें।
अंत में…
श्रद्धा और विश्वास के केंद्र माने जाने वाले बागेश्वर धाम में दो सप्ताह के भीतर दो बड़े हादसे चिंता का विषय हैं। एक ओर जहां लोगों की आस्था बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाना अब अनिवार्य हो गया है।