इंदौर। भारत के लगभग हर राज्य में मानसून का मौसम पूरी तरह सक्रिय हो गया है। इस मौसम में उमस तेजी से बढ़ती है। इस दौरान चिपचिपी गर्मी सभी को परेशान करती है। ऐसे में केवल एयर कंडीशनर (AC) ही राहत देता है।
एसी अब विलासिता का पैमाना नहीं है। यह एक जरूरत है। घरों से लेकर कार्यालयों तक हर जगह एसी का इस्तेमाल हो रहे है। इसी दौरान एसी में शॉर्ट सर्किट, आग लगने और कभी-कभी धमाके तक की खबरें सामने आ रही हैं। मानसून में एसी के उपयोग में सावधानी रखना बेहद जरूरी है।
एसी के उपयोग के दौरान चेतावनी संकेतों की अनदेखी व लापरवाही आपकी सुविधा देने वाली इस मशीन को खतरनाक बना सकती है।
1. एसी से अजीब आवाजें आना
अगर एसी से किसी तरह की रैटलिंग, नॉकिंग या बजिंग जैसी आवाजें आने लगी हैं, तो यह संकेत हो सकते हैं:
- यूनिट के अंदर कोई ढीला कंपोनेंट
- मोटर या फैन ब्लेड में घिसावट
- अंदरूनी इलेक्ट्रिकल फॉल्ट
क्यों चिंता का विषय है?
ये आवाजें भविष्य में शॉर्ट सर्किट, अधिक खर्च वाले रिपेयर या यहां तक कि आग लगने का कारण बन सकती हैं।
2. एसी का बार-बार अपने आप ऑन और ऑफ होना
अगर आपका एसी खुद-ब-खुद बार-बार ऑन-ऑफ हो रहा है, तो हो सकते हैं कारण:
- वोल्टेज में उतार-चढ़ाव
- थर्मोस्टेट या पीसीबी की खराबी
- अत्यधिक गर्म होना या शॉर्टिंग
क्यों चिंता का विषय है?
यह खराबी एसी को ओवरलोड कर सकती है, जिससे चिंगारी या फायर की स्थिति बन सकती है।
3. कमरे में असमान कूलिंग
अगर आपका कमरा एक कोने में ठंडा और दूसरे में गर्म लग रहा है, तो संभव कारण हो सकते हैं:
- एयर फिल्टर में धूल जमा होना
- कंप्रेसर में खराबी
- गैस की मात्रा कम होना
क्यों चिंता का विषय है?
यह सिर्फ असुविधाजनक नहीं, बल्कि यह कंप्रेसर पर अनावश्यक दबाव डालता है, जिससे आगे चलकर सिस्टम फेल हो सकता है।
4. जलने या बदबू आने की स्थिति
अगर एसी से जले हुए तार या प्लास्टिक जैसी कोई गंध आती है, तो तुरंत उसे बंद कर दें। संभावित कारण हो सकते हैं:
- तारों या इन्सुलेशन का जलना
- सर्किट बोर्ड का पिघलना
- इलेक्ट्रिक ओवरलोड
क्यों चिंता का विषय है?
यह स्पष्ट संकेत है कि आग लगने की आशंका बन सकती है। जब तक टेक्नीशियन द्वारा पूरी जांच न हो, एसी चालू न करें।
5. नियमित सर्विसिंग है अनिवार्य
- हर 3-4 महीने में एसी की सर्विसिंग जरूर करवाएं। इसके अलावा:
- हर 15-30 दिन में फिल्टर साफ करें
- आईएसआई-प्रमाणित वोल्टेज स्टेबलाइज़र और सर्ज प्रोटेक्टर लगाएं
- मल्टीपल पावरपॉइंट में ओवरलोडिंग से बचें