इंदौर। बारिश का मौसम राहत लेकर आता है, लेकिन यह मौसम स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को भी जन्म देता है। नाक, कान और गले से जुड़ी परेशानियां लोगों को काफी परेशान करती हैं।
बारिश के मौसम में नमी और तापमान में उतार-चढ़ाव की वजह से कान में पानी जाना, गले में खराश या सर्दी-जुकाम आम हो जाता है। इन समस्याओं को हल्के में लेना गंभीर परिणाम दे सकता है। नाक-कान-गले की सही देखभाल से आप इन तकलीफों से बच सकते हैं।
कान में पानी जाना
वर्षा ऋतु में कान में पानी चले जाना एक आम बात है, लेकिन लोग अक्सर इसे निकालने के लिए नुकीली वस्तु या तीली का सहारा लेते हैं, जिससे कान के परदे को नुकसान हो सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे में सूखी रूई का प्रयोग कर हल्के से कान को साफ करना चाहिए।
ठंडी चीजों से बनाएं दूरी
बारिश के मौसम में सीधे फ्रिज से निकालकर ठंडी चीजें खाना गले के लिए हानिकारक हो सकता है। बहुत ज्यादा ठंडा पानी, आइसक्रीम या अन्य जमे हुए खाद्य पदार्थों से परहेज करें।
संगीत की तेज आवाज भी है खतरा
बहुत तेज़ आवाज में म्यूजिक सुनना या हेडफोन का लंबे समय तक इस्तेमाल कान के परदे को नुकसान पहुंचा सकता है। यह आदत धीरे-धीरे स्थायी सुनने की क्षमता पर असर डाल सकती है।
दर्द में न डालें तेल
कई लोग कान में दर्द होने पर तेल डाल लेते हैं, लेकिन अगर कान के परदे में छेद हो तो यह फंगल संक्रमण का कारण बन सकता है। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी द्रव्य कान में न डालें।
नाक से खिंचाव भी पहुंचा सकता है नुकसान
सर्दी-जुकाम के दौरान नाक को अंदर की ओर खींचने से तरल पदार्थ ईयर कैनाल की तरफ जा सकता है, जिससे कान में दर्द या संक्रमण हो सकता है।
विशेषज्ञ की सलाह
डा. प्रमोद दिल्लीवाल (नाक-कान-गला रोग विशेषज्ञ) कहते हैं कि इस मौसम में थोड़ी सी भी असावधानी गंभीर परेशानी में बदल सकती है। बेहतर होगा कि कोई भी समस्या होने पर तुरंत विशेषज्ञ की सलाह ली जाए। खुद से दवा लेने से बचना चाहिए।