रायपुर: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) योजना के तहत चना बीज वितरण में अभनपुर विकासखंड के गांवों में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। राजस्व विभाग की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है, जिसमें टीला-चंपारण व भुरका-तोरला ग्रामों में कुल 100 हेक्टेयर में चना बोने का दावा किया गया था, वहां वास्तव में केवल 5.73 हेक्टेयर में ही चना बोया गया। जांच में सामने आया कि टीला व थोथीडीह में सिर्फ दो हेक्टेयर और भुरका में 3.73 हेक्टेयर क्षेत्र में ही फसल लगी थी।
इसके विपरीत कृषि विस्तार अधिकारियों ने 80 प्रतिशत बीज वितरण और फसल प्रदर्शन की फर्जी रिपोर्ट बना दी। जांच रिपोर्ट फरवरी 2025 में कृषि विभाग को भेजी गई थी। गिरदावरी की ऑनलाइन एंट्री न कर मैनुअल रिकॉर्ड दर्ज किए गए ताकि गड़बड़ी छिपाई जा सके। जांच के दौरान खेतों का निरीक्षण कर पटवारियों ने सच्चाई उजागर की।
फर्जीवाड़ा छुपाने के लिए मैनुअल रिपोर्टिंग का सहारा
जांच रिपोर्ट में बताया गया कि बीज वितरण और प्रदर्शन फसल की जानकारी गिरदावरी ऑप्शन से ऑनलाइन दर्ज की जाती है, लेकिन अधिकारियों ने फर्जीवाड़े को छुपाने के लिए मैनुअल रिपोर्ट तैयार की। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि ऑनलाइन गिरदावरी का ऑप्शन बंद था, जिससे फर्जी रिपोर्ट की ऑनलाइन एंट्री नहीं हो सकी।
इन अधिकारियों पर आरोप
तोरला क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी मिथलेश कुमार साहू और टीला क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी विनय कुमार सिंह पर फर्जी रिपोर्ट बनाकर बीज वितरण दर्शाने का आरोप है। जांच में सामने आया है कि ग्राम टीला और थोथीडीह में कुल दो हेक्टेयर तथा भुरका में 3.73 हेक्टेयर खेत में ही चना की बोनी हुई।
जांच रिपोर्ट में दोनों अधिकारी दोषी पाए गए हैं। उनके विरुद्ध विभागीय जांच की जाएगी और उसके बाद कलेक्टर द्वारा कार्रवाई की जाएगी। -आर. कश्यप, उप संचालक, कृषि विभाग, रायपुर।