Sunday, June 29, 2025
Home The Taksal News 18 साल बाद बरी हुआ मर्डर का दोषी, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने...

18 साल बाद बरी हुआ मर्डर का दोषी, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने माना- नहीं था हत्या का इरादा

2.5kViews
1993 Shares

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सरगुजा जिले में हुए 18 साल पुराने हत्या के मामले में अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि झगड़े के दौरान हुई मौत को हत्या नहीं माना जा सकता, जब तक उसका स्पष्ट इरादा साबित न हो। मामले में आरोपी सेंधला को निचली अदालत ने 10 साल की सजा दी थी, लेकिन हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में उसे दोषमुक्त कर दिया और स्व-रक्षा के अधिकार का लाभ दिया। मामला 2005 में सरगुजा जिले के कोडू गांव का है, जहां जमीन के विवाद को लेकर हुई कहासुनी में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।

निचली अदालत ने क्या कहा?

सत्र न्यायालय सरगुजा ने आरोपित सेंधला को धारा 304 (भाग-2) के तहत दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के दर्शन सिंह बनाम स्टेट ऑफ पंजाब (2010) के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति अचानक हमले की आशंका में खुद की रक्षा करता है और इससे कोई दुर्घटना होती है, तो उसे स्व-रक्षा के अधिकार का लाभ मिलना चाहिए। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में निचली अदालत के दोषसिद्धि और सजा संबंधी आदेश को रद्द करते हुए आरोपित को बरी कर दिया है।

यह था पूरा मामला

घटना 22 मार्च 2005 की है। मृतक धन्नू और आरोपित सेंधला (पुत्र जानिब अघरिया) के बीच जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद हुआ। कहासुनी के दौरान झगड़ा बढ़ा और अभियोजन के अनुसार, आरोपित ने लकड़ी के डंडे से मृतक के सिर पर वार कर दिया। घायल अवस्था में धन्नू को अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन इलाज अधूरा छोड़कर 28 मार्च को छुट्टी ले ली। 31 मार्च 2005 को उसकी मौत हो गई।

 

कोर्ट ने इस वजह से दी राहत

न्यायमूर्ति रजनी दुबे की एकलपीठ ने कहा कि कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं था जिसने यह देखा हो कि आरोपित ने डंडे से वार किया। मृतक और उसके परिवार के लोग ही झगड़े में शामिल थे, आरोपी केवल बीच-बचाव कर रहा था। पीड़ित के इलाज में लापरवाही और समय से पहले अस्पताल छोड़ने की वजह से मृत्यु हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर की हड्डी टूटने की पुष्टि नहीं हुई और मौत के लिए प्रत्यक्ष रूप से आरोपित को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। चश्मदीद गवाह भी घटना को लेकर स्पष्ट बयान नहीं दे सके और अधिकांश गवाह मुकर गए।

RELATED ARTICLES

Bulandshahr News: प्रसूता की मौत के बाद नवजात बच्चे की भी मौत, स्टाफ ने परिजनों से की बदसलूकी

बुलंदशहर। जननी सुरक्षा योजना में सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करने के सरकारी दावों की फिर एक बार पोल खुल गई है। सिकंदराबाद के राजकीय संयुक्त चिकित्सालय...

अनियंत्रित होकर CNG DCM पेड़ से टकराया, गाड़ी में फंसे चालक की तड़प-तड़प कर मौत

बदांयू। अलापुर थाना क्षेत्र में शनिवार देर रात एक दर्दनाक हादसे में सीएनजी डीसीएम चालक की मौत हो गई। बरेली से लौटते समय डीसीएम वाहन...

Zodiac Sign Mantra: सावन के महीने में राशि के अनुसार करें महादेव के मंत्रों का जाप, पूरी होगी हर मनोकामना

इंदौर। भगवान शिव को सृष्टि का आधार स्तंभ माना गया है। वे न केवल संहारक हैं, बल्कि सृष्टि के निर्माणकर्ता और संचालक भी हैं। उन्हें...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Bulandshahr News: प्रसूता की मौत के बाद नवजात बच्चे की भी मौत, स्टाफ ने परिजनों से की बदसलूकी

बुलंदशहर। जननी सुरक्षा योजना में सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करने के सरकारी दावों की फिर एक बार पोल खुल गई है। सिकंदराबाद के राजकीय संयुक्त चिकित्सालय...

अनियंत्रित होकर CNG DCM पेड़ से टकराया, गाड़ी में फंसे चालक की तड़प-तड़प कर मौत

बदांयू। अलापुर थाना क्षेत्र में शनिवार देर रात एक दर्दनाक हादसे में सीएनजी डीसीएम चालक की मौत हो गई। बरेली से लौटते समय डीसीएम वाहन...

Zodiac Sign Mantra: सावन के महीने में राशि के अनुसार करें महादेव के मंत्रों का जाप, पूरी होगी हर मनोकामना

इंदौर। भगवान शिव को सृष्टि का आधार स्तंभ माना गया है। वे न केवल संहारक हैं, बल्कि सृष्टि के निर्माणकर्ता और संचालक भी हैं। उन्हें...

Ganesh Ji Ki Priya Rashiyan: गणेश की 5 प्रिय राशियों पर बरसता है धन, घर में रहती है सुख-शांति

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, बुद्धि, रिद्धि-सिद्धि और सुख-समृद्धि के देवता माना जाता है। हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत श्रीगणेश के...

Recent Comments