बैठकें, अनुमति और टेंडर की प्रक्रिया में समय लगने के कारण कम आवेदन मिलने पर अल्पकालिक टेंडर निकाले गए थे। दूसरे अल्पकालिक टेंडर में एक मात्र एजेंसी ने 45 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया, जबकि इसके लिए 25 करोड़ रुपये ही स्वीकृत थे। ऐसे में बोर्ड सचिव ने एआइ व्यवस्था से हाथ पीछे खींच लिए थे और राज्यस्तरीय कंट्रोल रूम में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर सीसीटीवी के माध्यम से 8140 परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूमों की 24 घंटे पूरी परीक्षा अवधि में आनलाइन निगरानी कराई थी।

अब इस बार एआइ व्यवस्था के लिए प्रयास पहले शुरू करने के साथ योजनाबद्ध तरीके से टेंडर दो हिस्से में जारी करने का निर्णय लिया है। इस बार भी इसके लिए 25 करोड़ रुपये स्वीकृत हैं। पहली बैठक के क्रम में यूपी बोर्ड ने डीपीआर लगभग तैयार कर लिया है। जल्द ही दूसरी बैठक होगी। उसके बाद टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे।

इस बार टेंडर एक के बजाय दो हिस्से में जारी किए जाएंगे, ताकि एआइ सेवा प्रदाता एजेंसी के चयन के लिए अलग विकल्प उपलब्ध रहे। दूसरा टेंडर परीक्षा केंद्र के स्ट्रांग रूमों एवं यूपी बोर्ड मुख्यालय के हाल में कंप्यूटरीकृत व्यवस्था (कंप्यूटर वाल) बनाने के लिए होगा। बोर्ड सचिव ने बताया कि वर्ष 2026 की परीक्षा के प्रश्नपत्रों की सुरक्षा एआइ से कराने की व्यवस्था समय रहते पूरी कर ली जाएगी।