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गोरखपुर
शहर में जाम से राहत दिलाने के लिए निजी बसों के आने- जाने पर पूरी तरह से रोक है। लेकिन निजी बसें शहर में प्रवेश करने लगी हैं। निजी बसों का संचालन रात में हो रहा है। देवरिया और कुशीनगर रूट की बसें रेलवे बस डिपो के समीप यात्री बैठा रही हैं। दोपहर बाद एम्स के सामने बसें खड़ी होने से अक्सर जाम लग रहा है। अधिकारियों का कहना है कि जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
शहर में जाम की समस्या से राहत दिलाने के लिए विभिन्न रूट की लगभग छह सौ बसों को बाहर का रास्ता पुलिस- प्रशासन ने दिखाया है। दिन हो रात, अक्टूबर 2023 से निजी बसों के शहर में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। इससे जाम की समस्या का समाधान हुआ है। गोवि हास्टल के समीप खड़ी होने वाली कुशीनगर और बिहार जाने वाली बसों के लिए नंदानगर में पार्किंग स्टैंड बनाया गया है।
पैडलेगंज से बड़हलगंज और सहजनवां तक चलने वाली बसों को नौसढ़ के समीप,फरेंदा रूट की बसें तरंग चौराहे से हटाकर बरगदवा में खड़ा कराया जा रहा है। देवरिया रूट की बसों का संचालन सिघड़ियां से होता है। लेकिन बीते एक पखवारे से निजी बसों का प्रवेश शहर में होने लगा है। रात में नौ बजे के बाद रेलवे बस डिपो के पास बस खड़ी करके चालक यात्री बैठा रहे हैं।
सोमवार की रात 10:09 बजे हीरापुरी कालोनी के पास तीन निजी बसें खड़ी थीं, जिनके चालक और परिचालक यात्रियों को पकड़- पकड़कर बैठा रहे थे। इनमें एक बस रोडवेज के रंग में नजर आई, जिस पर वैधता तिथि का कोई उल्लेख नहीं था। उसे देखकर यात्री परिवहन निगम की बस समझ रहे थे।
गोवि हास्टल के समीप खड़ी होने लगी बसें
पहले रात में निजी बसें नहीं खड़ी हो रही थीं, लेकिन अब कुछ चालक गोवि हास्टल के समीप बसों को ला रहे हैं। शाम को अंतिम चक्र में यात्रियों को लेकर आने के बाद चालक और परिचालक बसों को हास्टल के समीप खड़ी करके सोते हैं। अगले दिन भोर में हीरापुरी कालोनी और विश्वविद्यालय चौराहा से यात्री बैठाकर अपने स्थान पर चले जाते हैं।
एम्स गेट के सामने बैठाने लगे यात्री
पुलिस की ढील के कारण बस चालकों की मनमानी बढ़ने लगी है। प्रतिदिन दोपहर बाद निजी बसें एम्स गेट के सामने खड़ी हो रही हैं। इससे गेट पर जाम लग रहा है। एम्स में आने-जाने वाले लोग परेशान हो रहे हैं।
कभी- कभी एंबुलेंस चालकों को भी असुविधा उठानी पड़ रही है। मंगलवार की दोपहर 02:14 बजे गेट के सामने बस खड़ी करके चालक एम्स से निकलने वाले रोगी और उनके स्वजन को बुलाकर बस में बैठाते नजर आए। उस समय बाइक सवार एक पुलिसकर्मी पहुंचा,जो नीचे खड़े परिचालक से बात करके चला गया।
नंदानगर के विजय कुमार ने बताया कि पहले यहां पर बसें नहीं लगती थीं, लेकिन अब यहां से लेकर कूड़ाघाट तक निजी बसें खड़ी होने लगी हैं।