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भागलपुर
कटारिया-विक्रमशिला रेल पुल के निर्माण की दिशा में पहल तेज कर दी गई है। जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई में तेजी लाने को लेकर मंगलवार को रेलवे भागलपुर पहुंचे और इस संबंध में जिलाधिकारी से मुलाकात की और विक्रमशिला-कटरिया रेलपुल निर्माण के लिए की जाने वाली भू-अर्जन की कार्रवाई के संबंध में बात की।
कहलगांव, रंगरा और नवगछिया में पड़ने वाली जमीनों की मापी और सर्वे कराने की बात हुई। दानापुर मंडल की ओर से जिला भू-अर्जन कार्यालय को भी आवेदन दिया गया है, लेकिन काम आगे बढ़ता नहीं देख रेलवे के अधिकारी डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी से मुलाकात कर जल्द ही मामले की कार्रवाई आगे बढ़ाने का आग्रह किया।
रेलवे ने इस बड़े प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (इरकान) को दी है। बटेश्वर स्थान के पास बनने वाले रेल पुल की लंबाई चार किमी होगी। 1153 करोड़ रुपये की लागत से पुल 13 मीटर चौड़ा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही इस रेलपुल का शिलान्यास करेंगे। 2029 तक काम पूरा करना होगा।
वहीं, कुल 2178.38 करोड़ रुपये की परियोजना में बटेश्वर स्थान से गंगा पर पुल और विक्रमशिला से नवगछिया तक रेललाइन बिछनी है। जिसे 2030 तक चालू करना है। रेल पुल बनने से ट्रेनें विक्रमशिला से कटरिया होते हुए नवगछिया पहुंच जाएंगी। इससे तीन घंटा समय बचेगा।
जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि विक्रमशिला से कटरिया के बीच बनने वाला रेल पुल और रेलखंड की तैयारी जोरों पर है। जिला भू-अर्जन कार्यालय में रेलवे ने अपनी जमीन खोजने और मार्किंग कराने के लिए आवेदन दिया है। 2178.38 करोड़ रुपये की इस परियोजना में बटेश्वर स्थान से गंगा पर पुल और विक्रमशिला से नवगछिया तक रेललाइन भी बिछनी है। 18 मौजों में से 16 मौजों में 419 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है। जिसके स्थानांतरण की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
रेलवे की योजना है कि अगस्त से साइट पर कैंप लगाने का काम शुरू करना है। मदरौनी गोविंदपुर और मदरौनी पछियारी टोला में जमीन चिह्नित नहीं हो सकी है। इधर, कुल 26.2 किलोमीटर की इस नई रेल लाइन का एक छोर कहलगांव के विक्रमशिला तो दूसरा छोर नवगछिया के कटेरिया स्टेशन से जुड़ेगा। इस पुल के बन जाने के बाद उत्तरी और दक्षिणी बिहार के बीच रेल यातायात और मजबूत हो जाएगी।
धार्मिक दृष्टिकोण से भी दो प्रमुख धार्मिक स्थल तक पहुंचने में लोगों को काफी सहूलियत होगी। कोसी-पूर्णिया प्रमंडल के लोग भी आसानी से बाबा बैद्यनाथधाम और कहलगांव गंगा तट पर बाबा बटेश्वर स्थान पहुंच सकेंगे। विक्रमशिला-कटरिया रेल प्रोजेक्ट से बिहार-झारखंड आना-जाना आसान होगा। बिहार के सीमांचल के जिले पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज का भागलपुर व संताल परगना से रेल कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी।
इस प्रोजेक्ट का काम पूरा हो जाने से गंगा नदी के उस पार नवगछिया रेल लाइन से देवघर व गोड्डा जुड़ जाएगा। देवघर से अगरतल्ला व डिब्रुगढ़ जाने वाली ट्रेनों को मुंगेर गंगा पुल होकर घुमकर नहीं जानी पड़ेगी। सीधे विक्रमशिला से कटरिया होते हुए नवगछिया पहुंच जाएगी। इससे तीन घंटे की बचत होगी।
यह पुल तैयार होने से पीरपैंती-नवगछिया, भागलपुर-साहेबगंज, पटना-हावड़ा रेल लाईन देवघर-दुमका व गोड्डा को जोड़ते हुए पांच बाइपास चालू हो जाएगा। पीरपैंती को गोड्डा से जोड़ने के लिए रेल प्रोजेक्ट का काम चालू हो गया है। जबकि देवघर से गोड्डा रेल सेवा चालू है।