ओपीडी में हर महीने 15 से 20 मामले उनके पास पहुंचते हैं। इनमें से 35 बच्चों की सर्जिकल तरीके से इन वस्तुओं को निकाला गया। उनके मुताबिक, कुछ चीजे बच्चों के लिए नुकसानदायक नहीं होती हैं।
सिक्का पेट में पहुंचने पर वह अभिभावकों को कुछ दिन में नीचे की नली से स्वत: ही बाहर निकलने के लिए कहते हैं। मगर लिथियम बैटरी में कैमिकल और अन्य रसायनिक कैमिकल होते हैं, जिनके पेट में फटने का खतरा रहता है। अभिभावकों के लिए चाइल्ड पीजीआई में जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किया गया है।

अभिभावकों दें विशेष ध्यान

  • छोटे बच्चों को खेलने के लिए सिक्का न दें।
  • बच्चे को बैटरी या कुछ भी चीज निगलने पर उसे उलटा करके पीठ पर बिल्कुल भी न थपथपाएं। उससे सांस रूकने का खतरा रहता है।
  • बच्चों के खेल के दौरान उसकी गतिविधि पर नजर रखें।
  • बच्चे के खेल वाले स्थान से बटन, बालों की पिन, सिक्कस या अन्य जानलेवा चीजें दूर रखें।
  • एलइडी, टीवी या एसी आदि के रिमोट से बच्चों को दूर रखें।
  • बच्चों के कुछ भी निगलने पर उन्हें खाने-पीने की चीजें बिल्कुल न दें। उससे सर्जिकल काम में दिक्कत होती है।