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गोरखपुर
अगर आपको दिल्ली और मुंबई जाना है तो अभी इंतजार कीजिए। रेलवे का सुहाना सफर का दावा पूरी तरह धड़ाम हो गया है। गोरखपुर से बनकर चलने वाली गोरखधाम सहित किसी भी ट्रेन में आरक्षित टिकट नहीं मिल रहा।
वेटिंग टिकट के लिए भी मारामारी मची है। जून तक सभी ट्रेनें नो रूम (टिकटों की बुकिंग बंद) की स्थिति में हैं। लग्न और गर्मी की छुट्टी में घर आए पूर्वांचल के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। रेलवे टिकट को लेकर अफरातफरी मची हुई है।
दिल्ली रूट पर चलने वाली 12555 गोरखधाम और 12553 वैशाली एक्सप्रेस के स्लीपर क्लास में एक जुलाई तक नो रूम है। वेटिंग टिकट भी नहीं मिल रहा। एसी थर्ड में भी टिकट नहीं मिल रहा। मुंबई जाने वाली 22537 कुशीनगर एक्सप्रेस और 20104 गोरखपुर एलटीटी एक्सप्रेस की स्थिति भी यही है। इन ट्रेनों में भी स्लीपर क्लास में जून तक नो रूम है। एसी थर्ड में भी टिकट नहीं मिल रहा।
गोरखधाम, वैशाली और कुशीनगर ही नहीं गोरखपुर से बनकर व गोरखपुर के रास्ते होकर चलने वाली सभी ट्रेनें पूरी तरह पैक हो गई है। रेलवे प्रशासन 200 से 300 वेटिंग पहुंचते ही टिकटों की बुकिंग पर रोक लगा दे रहा, लेकिन दूसरी ट्रेन की व्यवस्था नहीं कर रहा। जबकि, टिकट के लिए लोग मारे-मारे फिर रहे हैं। टिकट नहीं मिल रहा तो लोग तत्काल की तरफ भाग रहे हैं, लेकिन उसकी बुकिंग शुरू होते ही सभी कन्फर्म दलालों के हाथ पहुंच जा रहे हैं। रात भर लाइन लगाने के बाद भी तत्काल का भी टिकट नहीं मिल रहा।
तत्काल भी नहीं मिल रहा तो लोग जनरल कोचों की तरफ भाग रहे हैं। यहां पहुंचकर भी धक्कामुक्की करनी पड़ रही। पहले टिकट के लिए फिर कोच में प्रवेश के लिए। किसी तरह कोच में घुस भी गए तो सीट नहीं मिलने वाली। सीट तो 24 घंटे पहले लाइन में बैठे लोगों को मिल जा रही।
बिहार से चलने वाली ट्रेन की जनरल बोगियों में यात्री चढ़ ही नहीं पा रहे। जनरल बोगियों के टायलेट में भी पैर रखने की जगह नहीं बच रही। दरअसल, पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर स्थित विश्वस्तरीय जंक्शन से प्रतिदिन 22 जोड़ी एक्सप्रेस और आठ जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें चलती हैं।
इन ट्रेनों में करीब 72000 सीट/बर्थ ही उपलब्ध हो पाती हैं। जबकि, एक लाख से अधिक लोग आवागमन करते हैं। जिसमें गोरखपुर जंक्शन से रोजाना लगभग 30 हजार जनरल और 15 हजार लोग आरक्षित टिकट बुक करते हैं। इसके बाद भी दिल्ली और मुंबई के लिए और ट्रेनें नहीं मिल रहीं हैं। दिल्ली के लिए तो सिर्फ दो ही ट्रेनें हैं।
गोरखधाम में महज चार जनरल के कोच लगते हैं। हमसफर में सभी एसी थर्ड कोच लगते हैं। गोरखपुर से एलटीटी जाने वाली दो महत्वपूर्ण ट्रेनों का मार्ग विस्तार हो गया है। गोरखपुर-एलटीटी अब आजमगढ़ से तथा गोदान एक्सप्रेस गोंडा से चलने लगी है।