बिहार से चलने वाली ट्रेन की जनरल बोगियों में यात्री चढ़ ही नहीं पा रहे। जनरल बोगियों के टायलेट में भी पैर रखने की जगह नहीं बच रही। दरअसल, पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर स्थित विश्वस्तरीय जंक्शन से प्रतिदिन 22 जोड़ी एक्सप्रेस और आठ जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें चलती हैं।
इन ट्रेनों में करीब 72000 सीट/बर्थ ही उपलब्ध हो पाती हैं। जबकि, एक लाख से अधिक लोग आवागमन करते हैं। जिसमें गोरखपुर जंक्शन से रोजाना लगभग 30 हजार जनरल और 15 हजार लोग आरक्षित टिकट बुक करते हैं। इसके बाद भी दिल्ली और मुंबई के लिए और ट्रेनें नहीं मिल रहीं हैं। दिल्ली के लिए तो सिर्फ दो ही ट्रेनें हैं।
गोरखधाम में महज चार जनरल के कोच लगते हैं। हमसफर में सभी एसी थर्ड कोच लगते हैं। गोरखपुर से एलटीटी जाने वाली दो महत्वपूर्ण ट्रेनों का मार्ग विस्तार हो गया है। गोरखपुर-एलटीटी अब आजमगढ़ से तथा गोदान एक्सप्रेस गोंडा से चलने लगी है।