ननद-भाभी की जोड़ी
दिव्या मोमाया पेशे से कंपनी सेक्रेटरी हैं और नेहा शाह एचआर (मानव संसाधन) की विशेषज्ञ। दोनों आपस में रिश्तेदार भी हैं। पहले दिव्या मोमाया का विवाह नेहा के भाई से हुआ। फिर दिव्या ने अपनी ननद नेहा का रिश्ता अपने ही चचेरे भाई से करवाकर आपस के रिश्ते को और मजबूत कर लिया। यानी दोनों एक-दूसरे की ननद-भाभी बन गईं। रिश्तों की यह मजबूती उनके व्यवसाय में भी अब काम आ रही है।
‘मेंटर माई बोर्ड’ कंपनी बनाई
दोनों मिलकर पिछले सात साल से ‘मेंटर माई बोर्ड’ (एमएमबी) नामक कंपनी के जरिए ऐसे उद्यमियों को मार्गदर्शन एवं सही दिशा प्रदान कर रही हैं, जो उद्योग लगा चुके हैं, लेकिन उद्योग जगत की पेचीदगियों का मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं।
7 साल में 2000 से ज्यादा डायरेक्टर्स को दी ट्रेनिंग
दिव्या के अनुसार, पिछले सात वर्षों में उनकी कंपनी 2000 से अधिक डायरेक्टर्स को ट्रेनिंग दे चुकी है। ट्रेनिंग देने वालों में ऐसे अनुभवी निदेशकों को आमंत्रित किया जाता है, जिन्होंने एक-दो लाख करोड़ के व्यवसाय देखे हैं। वे बताते हैं कि उनके बोर्ड रूम कैसे चलते हैं। वे अनुभव नए उद्यमियों के साथ साझा करते हैं।
अनुभवी निदेशक पढ़ाते पाठ
दिव्या और नेहा की जोड़ी ने अपनी कंपनी ‘मेंटर माई बोर्ड’ के जरिए अलग-अलग क्षेत्र के करीब 90 अनुभवी निदेशकों को अपने साथ लेकर छोटे और नए उद्यमियों तथा निदेशकों को प्रशिक्षित करने का काम शुरू किया। प्रशिक्षण का काम ‘बोर्ड रूम मास्टरी’ नामक एक प्रोग्राम से शुरू हुआ, जिसमें डायरेक्टर्स को कंपनी चलाने की मूलभूत ट्रेनिंग दी जाती है। जिसमें बाकायदा बोर्ड रूम बनाकर बताया जाता है कि एक उद्यमी को अपने स्वतंत्र निदेशकों के साथ किस तरह से काम करना है। उनकी कंपनी अब तक देशभर में 18 हजार ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित कर चुकी हैं।