मरीज के स्वजनों ने बातचीत के क्रम में बताया कि रात की शिफ्ट में चिकित्सक व नर्स ड्यूटी पर रहने के बावजूद भी मरीजों को देखने नहीं आते।
इस पर उन्होंने सिविल सर्जन को तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित चिकित्सकों व नर्साें से स्पष्टीकरण पूछने व नए रोस्टर के अनुसार ड्यूटी लगाने का निर्देश दिया। पेयजल व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर की तथा इसमें अविलंब सुधार करने का निर्देश दिया।

ड्यूटी से अनुपस्थित पाए गए चिकित्सक और कर्मी

डीएम के अचानक सदर अस्पताल पहुंचने से पूरे स्वास्थ्य महकमे में खलबली मच गई। इमरजेंसी वार्ड में बेड पर चादर नहीं पाया गया। लैब टेक्नीशियन रूपेश कुमार ड्यूटी से अनुपस्थित पाए गया। सामान्य बाह्य कक्ष के निरीक्षण के क्रम में उन्होंने मरीजों को बाहर देख जानकारी ली।
बताया गया कि डॉक्टर अभी तक नहीं आए हैं। ओपीडी में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. हर्षवर्द्धन, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. निरंजन, दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. पुतुल कुमारी, प्रसव वार्ड की चिकित्सक डॉ. स्वाति अट्रोलिया अनुपस्थित पाई गई।
इस पर डीएम ने सभी चिकित्सकों से स्पष्टीकरण पूछने और अगले आदेश तक वेतन भुगतान पर रोक लगाने का निर्देश दिया। डीएम ने नेत्र बाह्य कक्ष, सीटी स्कैन व वन स्टाप सेंटर को नए भवन में शिफ्ट का निर्देश दिया।
इसके बाद दवा काउंटर पर मरीजों से दवा उपलब्धता की जानकारी ली। डाइसाइक्लाेमिन अनुपलब्ध पाए जाने पर सिविल सर्जन को तत्काल दवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

तीन पाली में राउंड लगाएं चिकित्सक

मॉडल अस्पताल के दूसरे तल पर संचालित महिला व पुरुष सर्जिकल वार्ड के निरीक्षण के क्रम में मरीज के स्वजन की शिकायत पर डीएम ने कहा कि प्रत्येक दिन तीनों पाली में चिकित्सक राउंड लगाएं।

दूसरे तल पर पेयजल की सुविधा नहीं रहने पर सिविल सर्जन तथा उपाधीक्षक को तत्काल शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने को कहा। दूसरी ओर वाटर कूलिंग मशीन के जर्जर व गंदी दिखने पर अस्पताल प्रबंधक को फटकार लगाया।
प्रसव वार्ड में सभी चिकित्सकों, नर्साें व चतुर्थ वर्गीय कर्मियों का ड्यूटी रोस्टर चिपकाने के निर्देश दिया। एक मरीज की स्वजन जूही कुमारी ने बताया कि मंगलवार सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे के ड्यूटी रोस्टर के अनुसार डॉ. निधि एक बार भी राउंड में नहीं आई।
इस पर डॉ. निधि से स्पष्टीकरण पूछते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया। डीएम ने सिविल सर्जन तथा उपाधीक्षक को स्पष्ट निर्देश दिया कि अस्पताल की व्यवस्था में सुधार लाएं। यदि एक सप्ताह में सुधार नहीं पाया गया तो सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।