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त्रिवेणी
जहां भीषण गर्मी से देश के कई पर्यटन स्थल वीरान हो गए है। वहीं, वीटीआर में पहुंचने वाले पर्यटक कल कल बहती गंडक नदी के तट पर पहुंचकर मिनी गोवा का एहसास कर रहे हैं।
वीटीआर के घने जंगल व हरियाली के बीच जंगल सफारी के दौरान वन्य जीवों का दीदार पर्यटकों के रोमांच को दोगुना एहसास करा रहा है।
इसलिए भीषण गर्मी के बावजूद भी वाल्मीकिनगर वीटीआर पर्यटकों से गुलजार है। जंगल सफारी के दौरान लंबी घास और झुरमुटों से होते हुए गुजरने वाले वन्य जीव पर्यटक को इजाफा हो रहा है।
जंगल सफारी का लुत्फ उठा रहे पर्यटक
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जहां 2024 के सत्र में 22 हजार के लगभग पर्यटकों ने जंगल सफारी का आनंद उठाया था। वहीं, मार्च 2025 तक ही 16 हजार के लगभग पर्यटक जंगल सफारी का आनंद उठा चुके है।
इसलिए वाल्मीकिनगर की आबोहवा सिर्फ देश की ही नहीं विदेशी पर्यटकों को भी काफी आकर्षित कर रहा है। 2025 के सीजन में अभी तक 12 विदेशी पर्यटक वीटीआर का भ्रमण कर चुके हैं।
वाल्मीकिनगर वीटीआर की खूबसूरती सैलानियों को खूब लुभा रही है। यहां के जैविक विविधता और पशु पक्षियों के साथ स्वच्छंद विचरण करते वन्य जीव का दीदार सहज रूप से पर्यटक कर रहे हैं। इसके साथ ही टाइगर साइटिंग भी पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बन गया है।
वन्य जीव, प्रकृति के अलावा टाइगर रिजर्व कई ऐतिहासिक मंदिरों और तीर्थ स्थलों का धरोहर है। जो क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत के खोज में रुचि रखने वाले आगंतुकों को आकर्षित करता है।