उन्होंने बताया कि जिन दो नई इकाईयों के गठन का निर्णय हुआ है उनमें एंटी नारकोटिक ब्यूरो सह मद्य निषेध इकाई केंद्र सरकार के नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की तर्ज पर काम करेगी।
नशीले पदार्थों की सप्लाई चेन नेटवर्क को समाप्त करने पर फोकस इस इकाई का मूल काम विभिन्न जिलों में शराब समेत अन्य नशीले पदार्थों की सप्लाई चेन की पहचान कर उस नेटवर्क को पूरी तरह से समाप्त करना होगा।
इसके अलावा यह इकाई युवाओं में बगैर डॉक्टर स्वीकृत नशीली दवाओं के बढ़ते चलन पर रोक लगाने का भी काम करेगी। इकाई के प्रमुख एडीजी या आईजी स्तर के अधिकारी होंगे।
नेपाल के साथ कई प्रमुख जिले बन गए थे सूखे नशे के हाट स्पाट कुंदन कृष्णन की माने तो सूखे नशे का विस्तार नेपाल की सीमा के साथ ही प्रदेश के कुछ प्रमुख जिलों जैसे गया, भोजपुर और नेपाल से सटते जिलों में काफी बढ़ गया था।
गया और भोजपुर व नेपाल के कुछ हिस्से इस कारोबार के हाट स्पाट बन गए थे। एडीजी ने स्वीकार किया कि प्रदेश में नशे से जुड़ी दवाओं की खपत बढ़ी है। जिस पर नियंत्रण के लिए पुलिस महकमा दिन रात लगा हुआ है।
साइबर अपराध की इकाई की नजर साइबर अपराधियों पर होगी एडीजी मुख्यालय ने बताया कि राज्य में साइबर अपराध की बढ़ती घटनाएं चिंता का सबब हैं।
अभी आर्थिक अपराध इकाई साइबर अपराध के मामलों की निगरानी इसके खिलाफ कार्रवाई की नोडल इकाई है। कुछ समय पहले खोले गए 40 जिलों के साइबर थाने से लेकर मुख्यालय स्तर पर प्रतिनियुक्त अधिकारी इस इकाई के लिए काम करते हैं। परंतु इस इकाई का काम बढ़ा है।
इसके अलावा इसके पास अन्य प्रकार की जिम्मेदारी है जिसे देखते हुए साइबर अपराध सह साइबर सुरक्षा इकाई का गठन करने का निर्णय हुआ है।
नई इकाई में एसपी ऑपरेशन, एसपी सुरक्षा और एसपी प्रशिक्षण के पद होंगे। साइबर लैब भी इसके अधीन ही आएंगे। इकाई साइबर अपराध के नए तौर तरीकों का अध्यन कर इसके खिलाफ कार्रवाई करेगी साथ ही सरकारी विभागों के डेटा सुरक्षा की जिम्मेदारी भी संभालेगी।