निजी मेडिकल माफिया से सरकारी अस्पतालों को खतरा
ये है मामला
लीपापोती देख हाई कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
डायग्नोस्टिक मशीन काम नहीं कर रही
डायग्नोस्टिक मशीन काम नहीं कर रही। कोर्ट ने प्रभारी अधीक्षक को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। कहा, जरूरत पड़े तो पुलिस बुला लें। एसी,कूलर पंखों की मरम्मत कराएं। न्यायमूर्ति ने यह टिप्पणी भी की कि प्रयागराज में महाकुंभ में 66.30 करोड़ लोगों ने संगम स्नान किया। गनीमत रही कि कोई बड़ी घटना नहीं हुई अन्यथा लोगों का इलाज करना संभव न होता। मेडिकल माफिया एसआरएन अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी व स्टाफ का गठजोड़ बना हुआ है।
नगर आयुक्त अस्पताल परिसर व सीवर लाइर की सफाई कराएं
कोर्ट ने कई निर्देश जारी किए। कहा-नगर आयुक्त अस्पताल परिसर व सीवर लाइन की सफाई कराएं। जल निगम को एक सप्ताह में फंड दिया जाए। लोक निर्माण विभाग सड़कों की मरम्मत कराए।
पुलिस कमिश्नर को अस्पताल में सुरक्षा गार्ड बढ़ाने का आदेश
सीएमओ, शव विच्छेदन गृह के आसपास साफ-सफाई व सेनेटाइजेशन कराएं। फोटो वीडियो बनाने पर रोक लगे, इस निर्देश का उल्लघंन कोर्ट की अवमानना होगी। पुलिस कमिश्नर को अस्पताल में सुरक्षा गार्ड बढ़ाने का आदेश दिया। यह भी कहा कि मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के प्रवेश पर रोक लगाई जाए। लान का उपयोग शादी व सेमिनार के लिए न हो।
प्रभारी अधीक्षक मानी सुविधाओं में कमी
प्रभारी अधीक्षक ने माना कि अस्पताल में सुविधाओं की भारी कमी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यहां कैबिनेट मंत्री रहते हैं फिर भी अस्पताल की हालत खराब है। जिम्मेदार अधिकारी सुविधा मुहैया कराने की ड्यूटी पूरी नहीं कर रहे। सरकारी सेक्टर प्राइवेट सेक्टर के हाथों बर्बाद हो रहा। कोर्ट अपनी आंखें बंद नहीं रख सकती।