बृहस्पतिवार की सुबह उनका बेटा समद अन्य सभी लड़कों के साथ बवाना सीआईएसएफ कैंप के पीछे खेतों से मवेशियों के लिए घास लाने गए थे। तभी वे नहर में नहाने लगे। तभी इनमें से एक किशोर डूबने लगा। उसे बचाने के लिए गहरे पानी में गए सभी डूब गए। इसकी जानकारी करीब 12:15 बजे पुलिस कंट्रोल रूम को दी।

वर्षा होने से नहर में पानी का स्तर बढ़ा

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बुधवार को वर्षा होने के बाद नहर में पानी का स्तर काफी बढ़ा हुआ है। इसके साथ ही पानी का बहाव भी बहुत तेज है। वोट क्लब इंचार्ज हरीश ने बताया कि नहर में पांच किलोमीटर तक सर्च आपरेशन चला। दो शव मिले हैं। वहीं, बाकी हिस्सों में सर्च आपरेशन जारी है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि जरूरत पड़ने पर हैदरपुर वाटर प्लांट तक सर्च आपरेशन चलाया जा सकता है।

हादसे के डेढ़ घंटे बाद चला सर्च ऑपरेशन

सूचना के बाद पुलिस और दमकल की गाड़ी तो मौके पर पहुंच गई, लेकिन गोताखोर व एनडीआरएफ की टीम के न पहुंचने की वजह से सर्च आपरेशन शुरू नहीं हो सका। हादसे के करीब डेढ़ घंटे बाद वोट क्लब की ओर से पांच गोताखोर आए, जिन्होंने सर्च आपरेशन शुरू किया। आधे घंटे के अंदर नहर से समद और सुहैल का शव बरामद हुआ, लेकिन दो सगे भाइयों का देर शाम तक कुछ पता नहीं चल सका।

पीड़ित परिवार में मातम का माहौल

इस हादसे के बाद से ही जावेद और शावेज के पिता वकील का रो-रोकर बुरा हाल है। वकील ने कहा कि वह गोशाला में काम करके परिवार का गुजारा करते थे। वह मवेशियों की देखभाल करने के साथ ही चारा भी देते हैं। दोनों बेटे पढ़ाई के साथ-साथ काम में भी उनका हाथ बंटाते थे। उनके बुढ़ापे का सहारा था। बेटों के घर से निकलने के कुछ ही देर बाद जानकारी मिली कि हमारे दोनों बेटे नहर में डूब गए। नहर में पानी काफी होने के कारण वह बाहर नहीं निकल सके।

वकील ने कहा कि समय रहते गोताखोर नहीं पहुंचे, काफी देरी से सर्च आपरेशन शुरू होने से उन्होंने भी उम्मीद छोड़ दी है। वहीं, समद के पिता अब्बास ने बताया कि सुबह समद काफी खुश था। मवेशियों के लिए चारा लाने की बात कहकर निकला, लेकिन वापिस नहीं लौटा। वहीं, सुहैल स्कूल की छुट्टी होने की वजह से अपने मामा अब्बास के यहां घूमने आया था। नहर में वह अन्य लड़कों के साथ डूब गया।

नहर के साथ हो पेट्रोलिंग जरूरी: रविंद्र इंद्रराज

घटनास्थल पर पहुंचे दिल्ली सरकार में मंत्री रविंद्र इंद्रराज ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मूनक नहर हरियाणा से आ रही है। सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग को पता है कि हर वर्ष गर्मी के समय इस तरह की घटना होती है। कहीं न कहीं मुश्तैद होना चाहिए। प्रशासन ठीक से काम करे तो कहीं न कहीं इस तरह की घटना को रोका जा सकता है।

दिल्ली के सीमा से जहां से यह नहर निकल रही है, नहर के आसपास गश्त बढ़ाई जाएगी। प्रशासन से भी कहा जाएगा कि नहर के ऊपर जहां भी पुलिया है, वहां पिकेट जरूर बनाएं। सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग में भी पेट्रोलिंग टीम होती है। पेट्रोलिंग किया जाना चाहिए। वहीं, मंत्री ने कहा कि इस दुख की घड़ी में वह पीड़ित परिवार के साथ हैं, जो भी सरकारी मदद होगी, हर संभव मदद की जाएगी।