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चरगांवा
शाहपुर के बसंत विहार कालोनी में मंगलवार की सुबह व्यापारी रुपेश गुप्ता का शव फंदे से लटका मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर और गले में चोट के निशान मिले है। हालांकि पुलिस का दावा है कि स्वजन द्वारा शव को नीचे उतारते समय सिर में चोट लगी होगी। उसे निजी अस्पताल ले जाया गया था। रुपेश कर्ज से भी परेशान था। प्रथम दृष्टया खुदकुशी का मामला सामने आया है। आगे की जांच चल रही है।
रुपेश गुप्ता की असुरलन चौराहे के पास चित्रा मेडिकल स्टोर की दुकान है। जहां उसकी भाभी बबिता गुप्ता बैठती थी। वहीं बेतियाहाता ट्रेवल एजेंसी पर रुपेश खुद बैठते थे। पुलिस की पूछताछ में घर वालों ने बताया कि रुपेश ने बैंक और सूदखोरों से कर्ज लेकर कई गाड़ी खरीदी थी, जिसे बुकिंग पर चलवाते थे।
कर्ज नहीं चुका पाने से वह कई महीने से परेशान थे और तनाव में चल रहे थे। मंगलवार को बेतियाहाता स्थित ट्रेवल्स एजेंसी को खाली करना था। लगाता बैंक और सूदखोरों का दबाव चल रहा था। सुबह आठ बजे उनकी पत्नी और बच्चे कमरे में जाने के दरवाजा खोलने की कोशिश किए तो अंदर से बंद मिला।
किसी तरह से तोड़कर जब सभी लोग अंदर पहुंचे तो साड़ी के फंदे से शव लटक रहा था। इसके बाद नीचे उतरवाकर अस्पताल ले जाया गया तो चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। सीओ गोरखनाथ रवि कुमार सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया खुदकुशी का मामला सामने आया है। युवक कर्ज से परेशान था। उसने बैंक समेत अन्य लोगों से लाखों रुपये कर्ज लिया था। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर में चोट की पुष्टि हुई है। आगे की जांच चल रही है।
पापा को मत ले जाओं कौन करेगा परवरिश
पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस ने रुपयेश का शव स्वजन को सिपुर्द कर दिया। इसके बाद घर के सदस्य और रिश्तेदार शव को एंबुलेंस से राजघाट पर अंतिम संस्कार के लिए ले जाने लगे। यह देख रुपेश की दोनों बेटियांं रोने लगी, बोली की पापा को मत ले जाओं उनकी परवरिश कौन करेगा।