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दिल्ली
यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए मोटर संशोधन विधेयक लाया गया। इस संशोधन कानून से वाहन चालकों पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। यमुनापार में वाहन चालक वाहन प्लेट पर नंबर की जगह जाति लिखकर वाहन चला रहे हैं।
ऐसे वाहनों से अगर कोई हादसा होता है तो पुलिस प्लेट पर नंबर न होने के कारण चालकों की तलाश करती रह जाएगी। पुलिस का दावा है कि वह देश की राजधानी में यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराती है।
कार्रवाई के बावजूद हो रहा ये काम
सवाल यह उठता है कि अगर पुलिस वाकई अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभा रही है तो फिर वाहन चालक नियमों का उल्लंघन कर नंबर की जगह जाति लिखकर वाहन कैसे चला रहे हैं। पुलिस सख्ती से पालन क्यों नहीं करा पा रही है।
इस मामले को लेकर पूर्वी रेंज के जिला पुलिस उपायुक्त सतीश कुमार को व्हाट्सएप पर मैसेज व कॉल किया गया। पूछा गया कि वाहन चालक नंबर की जगह जाति न लिखवाएं, इसके लिए पुलिस क्या कर रही है। लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
यमुनापार में कई जगहों पर ऐसे वाहन देखे जा सकते हैं। इन पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं होती। इसकी जगह साधारण प्लेट होती हैं, जिन पर नंबर की जगह जाति लिखी होती है। कार हो या बाइक, जाति लिखी प्लेट आम हो गई है।
आरसी उल्लंघन पर पांच हजार रुपये का चालान
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की जगह कुछ और लिखा होना आरसी उल्लंघन माना जाता है। यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए लाए गए मोटर संशोधन विधेयक के तहत आरसी उल्लंघन पर पांच हजार रुपये का चालान है। आरसी उल्लंघन पर ट्रैफिक पुलिस कोर्ट चालान करती है।
ईस्ट दिल्ली आरडब्ल्यूए ज्वाइंट फोरम के अध्यक्ष बीएस वोहरा का कहना है कि पुलिस नियमों को प्रभावी तरीके से लागू नहीं कर पा रही है। देश की राजधानी में यातायात नियमों का खूब उल्लंघन होता है। सबसे बड़ी कमी यह है कि पुलिस कानून को सही तरीके से लागू नहीं कर पा रही है।
नियमों का उल्लंघन करने वालों को रिश्वत लेकर छोड़ दिया जाता है। बिना नंबर प्लेट के वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं, जब नंबर प्लेट ही नहीं होगी तो कैसे पता चलेगा कि वाहन चोरी का है या नहीं।