भोपाल | आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य डॉ इंद्रेश कुमार ने कहा कि 1971 के पहले बांग्लादेश और बांग्लादेशी और 1947 के पहले पाकिस्तान और पाकिस्तानी नागरिक नहीं थे। हम सब हिन्दुस्तान के और हिन्दुस्तानी थे। हम जैसा हिन्दुस्तान थे उसमें सत्यवादी और नफरतवादी, हिंसक और कुटिल मानसिकता वाले नहीं थे। वह आईडेंटिटी हमें ईश्वर ने दी थी। वहीं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि हमारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के पहले यह स्थिति रही है कि सिलेबस के आधार पर हम पढ़ा रहे हैं? हमें ही नहीं मालूम है।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि क्या ऐसा भी हो सकता है कि हमें फिर ऐसा भारत देखने को मिल जाए। हम प्रार्थना कर सकते हैं क्योंकि इसमें तो कुछ जाना नहीं है। हमें वह भारत देखने को मिले जो हमारे पूर्वजों का था। हमें खंडित भारत नहीं अखंड भारत का सपना देखना चाहिए।
दुनिया के किसी भी मुस्लिम देश का नागरिक मुसलमान और ईसाई देश का नागरिक ईसाई नहीं माना जाता है। लोग अपने यहां के लोगों को देश के नाम से पुकारते हैं। उन्होंने कहा कि समाज के अंदर कुछ नए प्रवाह जन्म लेना चाहती हैं। दंगा मुक्त हिन्दुस्तान के लिए काम करने वाली सरकारों की जरूरत है।
जिस शिक्षा में संस्कार नहीं हो वह आदमी को अपराधी बना देती है
इंद्रेश ने कहा कि जिस शिक्षा में संस्कार नहीं वह आदमी को अपराधी बना देती है। जिस कमाई में सेवा और मदद नहीं वह आदमी को भ्रष्टाचारी बना देती है। शिक्षित आदमी भ्रष्टाचारी और अपराधी न हो, यही नरेंद्र मोदी सरकार की कोशिश है। शिक्षित आदमी भी समझदार और विश्वासी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा में पास होने के लिए पढ़ने और श्रम करने की जरूरत नहीं होती है। कोशिश करनी है तो बेहतरीन काम करने की कीजिए।
उन्होंने कहा कि विद्या विकारों से मुक्त करती है। आतंकवाद को लेकर उन्होंने कहा कि एक आतंकवादी के कृत्य से पूरा देश हिल जाता है। मौलिक रूप से कोई भी आदमी हिंसक, क्रोधी, आतंकवादी न बने ताकि देश सब प्रकार से विकारों से मुक्त रहे। उन्होंने कहा कि इसी की बदौलत दंगा, धर्मांतरण जैसे विकारों से मुक्त हिन्दुस्तान की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि राम और रावण दोनों चार वेद के ज्ञानी थे। दोनों शक्तिशाली सम्राट और शिव के उपासक थे। केवल एक अंतर था, एक हर साल पूजा जाता है और गाली पाता है और एक युगों से पूजा जाता है। राम की सत्ता विकसित भारत का माडल बन गई वहीं रावण की सत्ता विनाशी हो गई। राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में नीति आयोग की ओर से आयोजित संवाद श्रृंखला 2025 के कार्यक्रम में आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य डॉ इंद्रेश कुमार ने कहा कि हम अपने पूर्वजों के भारत को देखने की कल्पना कर सकते हैं।
दंगा मुक्त हिन्दुस्तान चाहिए
इंद्रेश कुमार ने कहा कि दंगा मुक्त हिन्दुस्तान चाहिए। पर्यावरण वाला हिन्दुस्तान क्यों नहीं हो सकता है? संवाद कटुता में बदले या नो डॉयलाग में बदले तो हिंसा जन्म लेती है, विकार जन्म लेते हैं। भारत ने समाज रचना की थी तो सबकी इंडिविजुअल आइडेंटिटी बनी रही। उन्होंने कहा कि भारत का विज्ञान कल्चराइजेशन के साथ था। इसलिए सबको मौका था। सभी ब्यूरोक्रेट्स ने मिलकर एक नया प्रदेश बनाने का जो संकल्प ले रहे हैं उसके लिए बधाई देता हूं। हम क्या लेकर आए हैं, क्या लेकर जाएंगे, खाली हाथ आए थे, खाली हाथ जाएंगे। सतधर्म से आए थे, सतधर्म लेकर जाएंगे। सत्कर्म जितने ज्यादा होंगे उतना ही यश मिलेगा।
सिलेबस के आधार पर पढ़ा क्या रहे, हमें ही नहीं मालूम- सीएम यादव
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि अपनी पढ़ाई का जिक्र करते हुए कहा कि पिताजी ने हायर सेकेंडरी पढ़ने के बाद दुकान खोल दी और कहा कि अब दुकान पर बैठो। उन्होंने पढ़ाई के साथ दुकान भी चलाने को कहा ताकि आय की व्यवस्था वक्त के साथ बनी रहे। सीएम यादव ने कहा कि देसी व्यवस्था हमारी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ी करती है। पढ़ने के लिए नौकरी करना जरूरी है। अंग्रेजों के समय से शिक्षा के नाम पर यह नकली आडंबर बना दिया है। उन्होंने कहा कि मेडिकल एजुकेशन और हास्पिटल अलग थे जिसे हमने एक किया क्योंकि दोनों में काम तो एक ही होता है। सीएम यादव ने कहा कि आयुर्वेद ने कोरोना के दौर में हिम्मत दिलाई और आयुष विभाग ने इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इसके पहले डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने कहा कि पीएम के विकसित भारत के संकल्प पर अमल के लिए यह संवाद हो रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी बिन्दुओं को एमपी सरकार ने छुआ है और इस पर काम हो रहा है। गांव की मिट्टी में जो संस्कार है, वही भारत की आत्मा है। सीएम राइज स्कूल सांदीपनि विद्यालय के रूप में काम कर रहे हैं। कोई गांव कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, इसके लिए डिजिटल साक्षरता अभियान चला रहे हैं।
रोजगार और मूल्य आधारित घटकों पर पैनल डिस्कसन
इस आयोजन में डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, राज्यमंत्री कौशल विकास और रोजगार गौतम टेटवाल, एसीएस उच्च शिक्षा अनुपम राजन भी मौजूद रहे। राज्य नीति आयोग के सीईओ ऋषि गर्ग ने स्वागत उद्बोधन दिया। विकसित और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए यह संवाद कार्यक्रम आयोजन किया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव संजय शुक्ला ने इस दौरान आयोजन की रूपरेखा पेश करते हुए कहा कि विकसित मध्यप्रदेश के लिए चार बड़े मिशन गरीब, युवा, नारी और किसान के लिए काम किया जा रहा है। नीति आयोग का काम सलाह देने और योजनाएं बनाने का है। इसके लिए अच्छे लोगों को सरकार से जोड़ना है। रोजगार और मूल्य आधारित घटकों पर पैनल डिस्कसन भी इस कार्यक्रम होगा।