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पटना
नालंदा के संजीव मुखिया का नेटवर्क पूर्व में बंगाल-ओडिशा से लेकर पश्चिम में दिल्ली-राजस्थान तक फैला था। मंगलवार को राजस्थान पुलिस की एंटी करप्शन टीम ने आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) से संपर्क कर संजीव मुखिया से जुड़ी जानकारी मांगी है।
कई राज्यों में संजीव मुखिया के नेटवर्क होने की बात आ रही सामने
सूत्रों के अनुसार, राजस्थान के कोटा में हुई परीक्षा धांधली में राजस्थान की एंटी करप्शन टीम संजीव मुखिया की तलाश कर रही है। इसके अलावा दिल्ली, झारखंड, बंगाल, ओडिशा समेत कई राज्यों की परीक्षा धांधली में भी संजीव मुखिया की भूमिका की जांच की जा रही है।
इन राज्यों में उसके गिरोह को मदद करने वालों की जानकारी जुटाई जा रही है। संजीव मुखिया से ईओयू की टीम मंगलवार को भी दिनभर पूछताछ करती रही। दो दिनों की रिमांड अवधि बुधवार की दोपहर पूरी होने वाली है, जिसके बाद उसे वापस बेउर जेल भेज दिया जाएगा।
ईओयू को कई अहम जानकारियां मिलीं
नीट-यूजी समेत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक कराने के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया से हो रही पूछताछ में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को कई अहम जानकारियां मिली हैं। इसमें बिहार में पेपर लीक कराने में मदद करने वाले सफेदपोशों और साल्वर गिरोह से जुड़े स्कालरों की भी जानकारी जुटाई जा रही है। ईओयू की टीम पूछताछ के आधार पर संदिग्धों की सूची बना रही है।
संजीव मुखिया ने अपने बेटे को भी दे रखी थी जिम्मेदारी
इसके बाद पेपर लीक और परीक्षा धांधली में इनकी भूमिका की जांच होगी तथा उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। ईओयू के पूछताछ में संजीव ने अपने गिरोह के सदस्यों की भूमिका की भी जानकारी दी है। इसमें बताया है कि उसके गिरोह में उसका बेटा डॉ. शिव, राकी समेत उसके कई रिश्तेदार भी सक्रिय थे।
राकी की भूमिका साल्वर गिरोह के डाक्टरों को मैनेज करने की थी। इसके लिए वह पटना और रांची के कई बड़े सरकारी अस्पतालों के डाक्टरों के भी संपर्क में था और मोटी राशि देकर उनसे पेपर साल्व कराता था। ईओयू इस बिंदु पर आगे भी पूछताछ कर जानकारी जुटा रही है।