सोमवार को कुसुम के निधन के बाद परिवार ने अंग दान की सहमति दी। इसके बाद कुसुम की दोनों किडनी और आंखें व लीवर-आंत को दान किया गया। शालीमार बाग स्थित फोर्टिस अस्पताल के चिकित्सकों ने सभी अंग दिल्ली व मुंबई में जरूरतमंद के पास भेजे गए हैं।
सुधीर गुप्ता ने बताया कि बेटी तो इस दुनिया से चली गईं, लेकिन कइयों को लोगों को नया जीवन दे गईं। कुसुम बहुत हंस-मुख स्वभाव की लड़की थी। फूल की तरह उसने अपने हंस-मुख स्वभाव की खुशबू से सभी को महकाया, उसी तरह से अब अंग दान कर उनने कइयों का नवजीवन दिया।

ब्रेन डेड व्यक्ति कौन से अंग कर सकता है दान

कुसुम मिरांडा हाउस कॉलेज में बीएलएड (बीए-बीएड) कोर्स में अंतिम वर्ष में पढ़ती थी। वह बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाती थीं। सुधीर गुप्ता ने बताया कि कुछ समय पहले घर में उनके जानकार आए थे।

चर्चा के दौरान उन्होंने जिक्र किया था कि एक ब्रेन डेड व्यक्ति किन-किन अंगों को दान कर सकता है। उत्सुकता के साथ इस चर्चा में कुसुम भी शामिल हुईं थी। उन्हें नहीं पता था कि भाग्य इतना जल्दी इस विषय पर दोबारा ले आएगा। इस प्रसंग को याद कर परिवार ने अंग दान का निर्णय लिया।