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दिल्ली
विद्यार्थी स्मार्टफोन लेकर आएं, स्कूल प्रबंधन इसके लिए तैयार नहीं हैं। विद्यार्थियों के स्मार्टफोन लाने के लिए पॉलिसी बनाने के शिक्षा विभाग के निर्देश पर यमुनापार के कई स्कूलों ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए जवाब भेजा है।
स्कूलों का स्पष्ट कहना है कि इससे अनधिकृत वीडियो और फोटो खींचे जाने का खतरा है। सुझाव दिया कि सुरक्षा के लिए विद्यार्थियों को जीपीएस ट्रैकर डिवाइस या घड़ी दी जा सकती है। कुछ का कहना है कि मोबाइल ही देना जरूरी है तो कीपैड वाला दिया जा सकता।
पॉलिसी बनाने का दिया आदेश
फरवरी में दिल्ली हाई कोर्ट ने एक याचिका पर स्कूलों में बच्चों द्वारा मोबाइल लाने के लिए दिशा-निर्देश देते हुए पॉलिसी बनाने का आदेश दिया था। इसमें कहा गया था कि स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों द्वारा स्मार्टफोन के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध अवांछनीय और अव्यवहारिक दृष्टिकोण है। सुरक्षा, समन्वय और कनेक्टिविटी के लिए स्मार्टफोन के उपयोग की अनुमति देनी चाहिए।
वहीं, आदेश में स्मार्टफोन की सुरक्षा का प्रबंध करने के संबंध में कहा गया था कि स्कूल में छात्रों के प्रवेश के समय स्मार्टफोन जमा कराने और घर लौटते समय उन्हें वापस करने की व्यवस्था होनी चाहिए। स्कूल के कामन एरिया व वाहन में स्मार्टफोन का उपयोग प्रतिबंधित रखने का सुझाव भी दिया था।
पत्र के जवाब में स्कूल ने क्या कहा?
इस आदेश की प्रति लगाकर दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को एक पत्र भेज पॉलिसी बनाने और उससे अवगत कराने का निर्देश दिया था। इस पत्र के जवाब में स्कूलों ने कहा है कि इतने बच्चों के लिए लाकर की व्यवस्था कर पाना मुश्किल काम है। मोबाइल के उपयोग की निगरानी संभव नहीं होगी, ऐसे में उसका दुरुपयोग हो सकता है। विद्यार्थियों के बीच महंगे और सस्ते मोबाइल को लेकर असमानता का भाव भी बढ़ेगा।
वहीं, कई स्कूलों ने जवाब दिया कि किसी का मोबाइल खो जाए तो उसकी जिम्मेदारी स्कूल की नहीं होगी। कुछ ने कहा कि इसके लिए परिजनों से राय लेना जरूरी है।