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लखनऊ
यूपी सरकार के निर्देश पर राजस्व विभाग ने घरौनी को कानूनी दस्तावेज के रूप में मान्यता देने के लिए अधिनियम बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। राजस्व विभाग ने अधिनियम संबंधी प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। अधिनियम बनने के बाद प्रदेश के 90,537 गांवों में स्थित घरों की घरौनी को कानूनी मान्यता मिल जाएगी।
केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना के तहत प्रदेश में धरौनी बनाने का कार्य बाराबंकी से 24 अप्रैल 2020 को शुरू किया गया था। इसके बाद पूर्वांचल के 37 जिलों में घरौनी तैयार करने का कार्य शुरू किया गया था। गांवों के ड्रोन सर्वेक्षण की जिम्मेदारी भारतीय सर्वेक्षण विभाग देहरादून को सौंपी गई है। योजना के तहत अभी तक प्रदेश के करीब 67,900 गांवों में एक करोड़ से ज्यादा घरौनी तैयार की जा चुकी हैं।
घरौनी तैयार करने में यूपी देश में अव्वल
घरौनी तैयार करने से पहले ड्रोन की मदद से गांवों में स्थित हर घर का नक्शा तैयार किया जा रहा है। नक्शों को गांव में चिपकाया जाता है। अगर दो सप्ताह में कोई आपत्ति नहीं आती है तो नक्शे पर दी गई जानकारी को सही मानकर घरौनी तैयार की जा रही है। नागरिकों को घरौनी में घर के मुखिया सहित अन्य सदस्यों की भी जानकारी दर्ज कराने की सुविधा दी जा रही है।
घरौनी तैैयार होने के बाद नागरिकों को मोबाइल पर इसकी सूचना भी दी जा रही है। उत्तर प्रदेश देश भर में घरौनी तैयार करने के कार्य में पहले स्थान पर चल रहा है। अभी तक घरौनी को लेकर राजस्व विभाग ने नियमावली बनाई थी, जिसे अदालत में कभी भी चुनौती दी जा सकती है। अधिनियम बनने के बाद घरौनी को कानूनी मान्यता मिल जाएगी और उसके आधार पर नागरिकों को बैंकों से ऋण लेने से लेकर अन्य सुुविधाएं मिल सकेंगी।