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उरई
उत्तर प्रदेश के उरई जिले के ग्राम गढ़िया निवासी एक युवक को अवैध संबंध के शक पर ग्राम कासिमपुर निवासी पिता और उसके दो पुत्रों ने मिलकर दिनदहाड़े युवक को लाठी-डंडों से पीटकर मरणासन्न कर दिया। जब उनका इससे मन नहीं भरा तो वह युवक को रस्सी से बांधकर घसीटते हुए अपने गांव ले गए।
वहां पेड़ से बांधकर उसकी फिर से लाठी डंडों से पिटाई की जिससे वह मरणासन्न हो गया। इसके बाद थाना गोहन पुलिस ने आरोपितों पर सख्त कार्रवाई न करते हुए उन्हें पकड़ा और फिर कुछ घंटों में शांतिभंग का चालान कर छोड़ दिया।
एसपी ने थानाध्यक्ष व दारोगा को किया निलंबित
मारपीट का ग्रामीणों ने वीडियो बना कर उसे इंटरनेट मीडिया पर प्रचलित कर दिया। जब मामला पुलिस अधीक्षक डा. दुर्गेश कुमार के संज्ञान में आया तो उन्होंने गोहन थाना निरीक्षक व कासिमपुर हल्का इंचार्ज इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया। मामले की जांच माधौगढ़ सीओ रामसिंह को सौंपी है।
गोहन थाना क्षेत्र के गढ़िया निवासी 35 वर्षीय सुधीर कुशवाहा सोमवार दोपहर तीन बजे घर जा रहा था। ग्राम कासिमपुर निवासी कुछ लोगों को शक था कि सुधीर का गांव की एक महिला से अवैध संबंध हैं। इसी दौरान ग्राम कासिमपुर निवासी मिश्रीलाल कुशवाहा उनका 22 वर्षीय पुत्र सुमित व 18 वर्षीय पुत्र भूरे ने बीच रास्ते से सुधीर को पकड़ लिया और घर के अंदर ले जाने लगे।
युवक ने विरोध किया तो पिता पुत्रों ने रास्ते में ईंटा, लाठी डंडे से जमकर उसकी पिटाई की। शोरगुल सुन बीच बचाव करने पहुंचे ग्रामीण राजू कुशवाहा को लाठी मारकर घायल कर दिया। इसी दौरान सुधीर के मुंह से खून निकलने लगा फिर भी आरोपित उसके साथ मारपीट करते रहे।
पेड़ से बांध की पिटाई
जब उन लोगों का मारपीट से मन नहीं भरा तो युवक को रस्सी से बांधकर करीब दो सौ मीटर दूर स्थित ग्राम कासिमपुर घसीटते हुए ले गए। वहां अपने घर के पास पेड़ से उसके हाथ पैर बांधकर फिर उसकी लाठी डंडे से पिटाई की। ग्रामीणों की सूचना पर गोहन पुलिस पहुंची व युवक को बंधन मुक्त कराकर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
गोहन थाना निरीक्षक संजय यती व हल्का इंचार्ज लक्ष्मी प्रसाद ने थाने आकर आरोपित पिता व उनके दो पुत्रों को शांतिभंग की धारा में चालान कर मुचलके पर छोड़ दिया था। पुलिस ने घायल को भर्ती भी नहीं कराया। बाद में युवक को उसके स्वजन मरणासन्न हालत में इलाज के लिए माधौगढ़ सीएचसी में भर्ती कराया था।
शिकायत पर थाना प्रभारी ने धमकाया
जहां से डाक्टरों ने उसे मेडिकल कालेज झांसी के लिए रेफर कर दिया। वहां अभी भी युवक जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। उधर सुधीर के स्वजन ने जब मंगलवार को थाना पुलिस से शिकायत की तो थाना प्रभारी ने उन्हें उल्टा धमकाकर भगा दिया था।
इसके बाद जब मामला पुलिस अधीक्षक डा. दुर्गेश कुमार के संज्ञान में आया तो उन्होंने थाना प्रभारी निरीक्षक संजय यती व हल्का इंचार्ज इंस्पेक्टर लक्ष्मी प्रसाद को निलंबित कर दिया है।