कहा- आने वाला वक्त काफी परेशानियों से भरा होने वाला
भले ही बच्चे के माता-पिता किसी भी वीजा स्टेटस पर हों। ऐसे बच्चों की नागरिकता पर सवाल उठ सकता है, जिससे उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य नागरिक अधिकारों से वंचित किया जा सकता है। भारतीय मूल के हजारों पेशेवर अमेरिका में वीजा पर काम कर रहे हैं। नियम के बदलने पर ऐसे परिवारों को कानूनी जटिलताओं का सामना करना पड़ेगा।
भारत से अमेरिका तक का सफर
सबा हैदर गाजियाबाद के चित्रगुप्त विहार में सैयद हैदर की इकलौती बेटी हैं। सबा हैदर ने गाजियाबाद के होली चाइल्ड स्कूल से 12वीं, राम चमेली चड्डा विश्वास गर्ल्स कॉलेज से बीएससी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से वाइल्डलाइफ साइंसेज में एमएससी किया।
शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
सबा हैदर गाजियाबाद के चित्रगुप्त विहार में सैयद हैदर की इकलौती बेटी हैं। सबा के दो भाई अब्बास हैदर और जीशान हैदर हैं। उनकी मम्मी महजबीं हैदर गरीब बच्चों को शिक्षा देती हैं।
महिलाओं, बेसहारा पशु और बुजुर्गों के लिए विशेष योजनाएं
सबा हैदर बताती हैं कि उनकी प्राथमिकता वाली योजनाओं में घरेलू हिंसा पीड़ित महिलाओं के लिए सहायता केंद्रों की स्थापना कराना, बुजुर्गों के लिए निश्शुल्क आवासीय नर्सिंग होम व बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना, बेसहारा पशुओं को चिकित्सा के साथ ही शेल्टर होम की स्थापना कराना, जरूरतमंदों को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन प्रदान करना है।
RTI के तहत देनी पड़ती है टेक्स्ट मैसेज तक की जानकारी
सबा हैदर ने बताया कि अमेरिका में प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता सर्वोच्च प्राथमिकता होती है। वहां की आरटीआई व्यवस्था इतनी मजबूत है कि यदि कोई नागरिक किसी सरकारी अधिकारी या नेता के टेक्स्ट मेसेज की भी जानकारी मांगता है, तो उसे वह जानकारी उपलब्ध करानी होती है। अमेरिका में सियासत केवल भाषणों तक सीमित नहीं है, बल्कि हर शब्द और हर कार्य को पूरी जिम्मेदारी से निभाना पड़ता है।