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पटना
नीट यूजी 2025 के नतीजे इस बार आश्चर्यजनक रहे हैं। पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी भी छात्र ने 700 अंक तक नहीं छुए। राजस्थान के हनुमानगढ़ निवासी महेश कोटवानी ने 720 में से 686 अंक प्राप्त कर टाप किया। दूसरे स्थान पर इंदौर के उत्कर्ष अधित्य रहे, जिन्हें 682 अंक मिले।
2016 के बाद यह पहला मौका है जब टापर के अंक 700 से कम रहे हैं। 2016 में भी टापर को 685 अंक मिले थे। 2017 से 2024 तक हर साल कोई न कोई छात्र 700 या उससे अधिक अंक लाता रहा है, लेकिन 2025 में यह रुझान टूटा है। विशेषज्ञ बताते हैं कि एक ओर जहां टाप स्कोर में गिरावट देखने को मिली, दूसरी ओर सीटों की उपलब्धता और कटआफ ट्रेंड के चलते कम अंक लाने वाले छात्रों को भी सरकारी मेडिकल कालेज में दाखिले की उम्मीद बंधी है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस वर्ष सरकारी मेडिकल कालेजों की सीटों पर दाखिला 530 अंक तक पहुंच सकता है। पिछले वर्षों की तुलना में यह आंकड़ा 100 अंकों तक नीचे जा सकता है। इसका मुख्य कारण इस बार टाप स्कोर न 700 पार कर पाया, न ही 690 के पास पहुंचा।
टापर को मात्र 686 अंक मिले हैं। इससे मेरिट लिस्ट का औसत स्तर नीचे गया है, जिसका लाभ मिड-रेंज स्कोर करने वाले छात्रों को मिलेगा। इस वर्ष टाप-100 में सबसे ज्यादा 14 छात्र राजस्थान से हैं, दिल्ली से 15 और महाराष्ट्र से 12, लेकिन बिहार और झारखंड जैसे प्रमुख राज्यों से इस बार टाप-100 में एक भी छात्र नहीं है।
नीट में हिंदी माध्यम में बढ़ा रुझान
हिंदी माध्यम में रजिस्ट्रेशन कराने वाले छात्रों की संख्या में सात वर्षों में 83 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2019 में जहां यह संख्या 1.36 लाख थी, वहीं 2025 में यह बढ़कर 2.5 लाख हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्रों की हिस्सेदारी भी बढ़ी है। नीट यूजी 2025 में पहली बार 144–200 अंकों के बीच के छात्रों का आंकड़ा जारी किया गया है। इस रेंज में करीब तीन लाख छात्र शामिल हैं।
- स्कोर रेंज छात्र संख्या
- 651–686 73
- 601–650 12,659
- 501–600 39,521
- 401–500 1,02,313
- 301–400 1,05,555
- 201–300 1,26,375
- 144–200 1,98,346
इन कारणों से है उम्मीद
– स्कोर में गिरावट: 2025 में पहली बार कोई भी छात्र 700 अंक तक नहीं पहुंचा।
– कटआफ में गिरावट: सामान्य कोटी में क्वालिफाइंग कटआफ 113 रहा, जबकि पिछले वर्ष यह 137 था।